सीएम तीरथ दिल्ली तलब, देहरादून से दिल्ली तक राजनीतिक हलचल बढ़ी
उत्तराखण्ड के राजनीतिक गलियारों में फिर एक बार हलचल बढ़ गई है। सूबे के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को पार्टी हाईकमान ने अचानक दिल्ली तलब कर लिया है। रामनगर में भाजपा की चिंतन बैठक खत्म होते ही सीएम का दिल्ली से बुलावा आ गया। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को आज के अपने सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिल्ली पहुंचना पड़ा है। सीएम तीरथ के सामने 10 सितंबर तक उपचुनाव लड़कर विधानसभा की सदस्यता लेने की सबसे बड़ी चुनौती है। राज्य में गंगोत्री और हल्द्वानी की सीटें खाली भी हैं मगर चुनाव आयोग उपचुनाव कराने को लेकर अभी तक खामोश है। बड़ी समस्या यह भी है कि जनप्रतिनिधि कानून के मुताबिक विधानसभा के आखिरी एक साल में उपचुनाव नहीं कराया जा सकता। ऐसे में मुख्यमंत्री के लिये 10 सितंबर के बाद सीएम की कुर्सी पर बने रहना खासा मुश्किल है। मुख्यमंत्री को अचानक दिल्ली तलब किये जाने पर विपक्ष दल कांग्रेस का कहना है कि इस बात की आशंका पहले से थी और भाजपा ने राज्य को राजनीतिक अस्थिरता की ओर धकेल दिया है।
इधर सीएम को अचानक दिल्ली तलब किये जाने के बाद उत्तराखण्ड में फिर हलचल बढ़ गई है। कयास इस बात के लगाये जा रहे हैं कि संवैधानिक संकट के चलते भाजपा उत्तराखण्ड में मुख्यमंत्री का चेहरा फिर बदल सकती है। आपको बता दें 10 मार्च को तीरथ रावत ने उतराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। सीएम फिलहाल पौड़ी से लोकसभा सांसद भी हैं। उन्होंने अभी तक लोकसभा से इस्तीफा नहीं दिया है। सीएम तीरथ सिंह रावत को बुधवार को महालक्ष्मी योजना का शुभारंभ करना था। लेकिन उन्हें दिल्ली से बुलावा मिलने के बाद बताया जा रहा है कि महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की इस योजना का शुभारंभ फिलहाल टाल दिया गया है। सीएम के अन्य कार्यक्रम भी स्थगित कर दिए गए हैं। बताया यह भी जा रहा है कि सीएम को पार्टी हाईकमान ने उपचुनाव को लेकर रणनीति पर विचार करने के लिए बुलाया है। कैबिनेट मंत्री और सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने सीएम के दिल्ली बुलावे को राष्ट्रीय पार्टियों में असमय होने वाला सामान्य दौरा करार दिया है।