केदारघाटी को प्लास्टिक कचरे से निजात दिलाने के लिए शुरू किया गया अभियान, अब दिखने लगे रिजल्ट
केदारघाटी को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए डेढ़ माह पहले एक अभियान चलाया गया। इस अभियान का रिजल्ट अब दिखने लगा है। चलाये गए अभियान के तहत यहां अब तक 35 हजार से अधिक प्लास्टिक की खाली बोतलें और पैकेट जमा हो चुके हैं। पहले यही सारा प्लास्टिक का कचरा इधर-उधर फेंके जाने से घाटी और पर्यावरण पर खतरा मंडराने लगा था। लेकिन अब अच्छी बात यह है कि इस अभियान में व्यापारी तो सहयोग कर ही रहे हैं वहीं र्थयात्री और पर्यटक भी प्रशासन के इस कदम का स्वागत कर रहे हैं। इस वर्ष केदारनाथ धाम में तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है। इससे प्रशासन को यहां कचरा प्रबंधन में परेशानी का भी सामना करना पड़ा। प्लास्टिक मुक्त अभिनय के तहत केदारघाटी की सभी दुकानों में प्लास्टिक में आने वाले खाद्य और पेय पदार्थों के पैकेट पर अनिवार्य रूप से क्यूआर कोड लगाए गए। साथ ही ये तय किया कि सभी उत्पादों को निर्धारित से 10 रुपये अतिरिक्त मूल्य पर बेचा जाएगा। खाली बोतल व पैकेट लौटाने पर अतिरिक्त शुल्क वापस किया जा रहा है। तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए खाली बोतल और पैकेट लौटाने के लिए जगह-जगह संग्रह केंद्र बनाए गए हैं।
क्यूआर कोड लगाने और खाली बोतलें -पैकेट जमा करने की जिम्मेदारी प्रशासन ने हैदराबाद की सामाजिक संस्था रिसाइकल को सौंपी है। क्यूआर कोड लगाने के लिए गुप्तकाशी से केदारनाथ तक 57 किमी लंबे मार्ग पर 686 दुकानें चयनित की गई हैं। इन दुकानों में अब तक 51 हजार 686 उत्पादों पर क्यूआर कोड लगाया जा चुका है। वहीं, खाली बोतलें व पैकेट जमा करने के लिए 15 संग्रह केंद्र बनाए हैं, जिनमें 33 हजार खाली बोतलें व पैकेट जमा किए जा चुके हैं। इस प्रक्रिया का असर घाटी की सफाई व्यवस्था में स्पष्ट देखा जा सकता है।