-आकांक्षा थापा
भारत सरकार टीकाकरण को तीव्र गति से देश में बढ़ाने का प्रयास कर रही है… इसलिए 21 जून से देश में मुफ्त टीकाकरण की तैयारी जारी है। इस बीच अब भारत बायोटेक द्वारा बनाया गया कोरोना वायरस विरोधी टीका यानि कोवैक्सीन चर्चा का विषय बन चुका है।
जी हाँ, सोशल मीडिया पर कोवैक्सीन को लेकर एक पोस्ट जमकर वायरल हो रहा है, इस पोस्ट में कोवैक्सीन में नवजात बछड़े का सीरम होने की बात कही गयी है.. दूसरी ओर, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने ऐसी अफवाहों को बेबुनियाद एवं झूठा बताया है।
जिसके बाद अब इस मामले में खुद भारत बायोटेक ने अपनी सफाई दी है…आपको बता दें की भारत बायोटेक ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि वायरल टीकों के निर्माण के लिए गाय के बछड़े के सीरम का इस्तेमाल किया जाता है। इनका इस्तेमाल कोशिकाओं (सेल्स) के विकास के लिए होता है लेकिन SARS CoV-2 वायरस की ग्रोथ या फाइनल फॉमूला में इसका इस्तेमाल नहीं हुआ है। भारत बायोटेक ने कहा कि उसकी कोवैक्सीन पूरी तरह से शुद्ध है। कोवैक्सीन का निर्माण सभी अशुद्धियों को हटाकर तैयार किया गया है। इस स्वदेशी कंपनी ने यह भी दावा किया है कि दशकों से विश्व स्तर पर टीकों के निर्माण में गोजातीय सीरम का व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है। बीते नौ महीनों से विभिन्न प्रकाशनों में नवजात बछड़े के सीरम के इस्तेमाल को पारदर्शी रूप से उल्लेखित भी किया गया था।
वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा कि कोरोना संक्रमण रोधी टीके कोवैक्सीन की संरचना के संबंध में कुछ सोशल मीडिया पोस्ट वायरल हो रहे हैं। वायरल हो रहे इस पोस्ट में कहा जा रहा है कि कोवैक्सीन में नवजात बछड़े का सीरम मिलाया गया है। इस पोस्ट में तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है। भारत के स्वदेशी कोवैक्सीन में नवजात बछड़े का सीरम बिल्कुल नहीं है। गोजातीय और अन्य जानवरों से मिले सीरम मानक संवर्धन घटक हैं जिनका इस्तेमाल विश्व स्तर पर वेरो सेल के विकास में होता है।