Wednesday, April 24, 2024
कोविड 19राष्ट्रीय

ब्लैक,व्हाइट और येलो फंगस के बाद अब ग्रीन फंगस, इंदौर में मिला पहला मरीज़

– आकांक्षा थापा

देश में जहाँ एक तरफ कोरोना की दूसरी लहर ने हाहाकार मचा रखा था, वहीँ ब्लैक फंगस ने भी देश में कोहराम मचा दिया था। अब जब देश में कोरोना का प्रकोप कम होने लगा है, वहीँ दूसरी ओर ब्लैक फंगस के बाद व्हाइट और येलो फंगस के मामले भी समाने आने लगे। इस बीच अब ग्रीन फंगस का पहला मामला मध्यप्रदेश के इंदौर से सामने आ रहा है… जानकारी के मुताबिक 34 वर्षीय मरीज़ का इलाज पिछले दो महीनों से इंदौर के श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SAIMS) अस्पताल में हो रहा था… उन्हें पहले कोरोना के चलते भर्ती किया गया था, जिसके बाद उनका फंगल इन्फेक्शन का इलाज चल रहा था.. अरबिंदो अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर, डॉ. रवि दोसी के मुताबिक, मरीज़ के फेफड़ों में ग्रीन फंगस यानि एस्परगिलस फंगस पाया गया।

आपको बता दें, इंदौर के माणिक बाग रोड पर रहने वाले विशाल श्रीधर को कुछ दिन पहले कोरोना हुआ था। कोरोना संक्रमण से निजात पाने के बाद वे घर गए, लेकिन पोस्ट कोविड लक्षणों के चलते उन्हें दोबारा अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिसके बाद, इलाज के दौरान उनके फेफड़ों और साइनस में एस्परगिलस फंगस मिला, जिसकी पहचान ग्रीन फंगस के रूप में हुई। डॉक्टरों ने बताया कि विशाल के फेफड़ों में 90 फीसदी संक्रमण हो गया, जिसके बाद उन्हें चार्टर्ड प्लेन से मुंबई भेजा गया। वर्त्तमान में उनका इलाज हिंदुजा अस्पताल में चल रहा है।

क्या है ग्रीन फंगस? ब्लैक और वाइट फंगस से ज़्यादा घातक है ग्रीन फंगस?
आपको बता दें यह संभवत: ‘ग्रीन फंगस’ का पहला मामला है, इसलिए डॉक्टर यह देखने के लिए शोध कर रहे हैं कि क्या स्वस्थ हुए कोरोना रोगियों में फंगस पाया जा रहा है। ग्रीन फंगस का वैज्ञानिक नाम एस्परगिलोसिस है। इस फंगस के लक्षणों की बात करें तो इसमें नाक से खून आना और तेज बुखार शामिल है। कोरोना से उबरने के बाद मरीज के अंदर ये लक्षण देखे गए। वहीँ, इंदौर के श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SAIMS) अस्पताल में मरीज का इलाज कर रहे डॉ. रवि डोसी ने भी बताया कि वजन कम होने के कारण मरीज काफी कमजोर हो गया था…

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *