होली से पहले जानिये होलिका दहन की विधि और शुभ मुहूर्त
साक्षी सजवाण, देहरादून
होली का त्यौहार आने में कुछ दिन ही बाकी है। इस साल होली दहन 17 मार्च और होली 18 मार्च को मनायी जाएगी। होली का पर्व फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन ही होलिका दहन मनाया जाता और इसके अगले दिन चैत्र मास की प्रतिपदा को रंगों की होली खेली जाती है। होलिका दहन से पहले होलिका की पूजा की जाती है। होलिका की अग्नि को अत्यंत पवित्र माना जाता है। साथ ही माना जाता है कि होलिका दहन के दौरान अपने सारी परेशानी और बुराइयों को आग में जलाकर फिर से नई शुरुआत की जाती है। इसके पीछे की पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन अच्छाई की बुराई पर जीत हुई थी।
हिन्दू पंचांग के अनुसार इस वर्ष होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 17 मार्च को रात 9.20 बजे से 10.31 बजे के बीच रहेगा। साथ ही माना जाता है कि जिस स्थान पर होलिका दहन किया जाता है उस स्थान को पहले गंगा जल और गोबर से लीपा जाता है और एक लकड़ी का खंबा रखा जाता है। इसके बाद होलिका दहन के दौरान प्रह्लाद की मूर्ति को बाहर निकाला जाता है। इसके अलावा पहले गाय के गोबर के चार उपलों को सुरक्षित रखा जाता है। एक पितरों के नाम, दूसरा बजरंबली के नाम और तीसरा शीतला माता के नाम और चौथा परिवार के नाम। होलिका दहन का समय लगभग 1 घंटा 10 मिनट का होगा। इस दौरान होलिका की पूजा करना लाभकारी रहेगा।
होलिका दहन के लिए पूजा की सामग्री
पानी से भरी एक कटोरी, गाय के गोबर से बने उपले, रोली, अक्षत, अगरबत्ती और धूप, फूल, कच्चा कपास, कच्ची हल्दी, साबुत दाल (मूंग), बताशा, गुलाल नारियल और कोई नई फसल । होली 2022 की तारीख होलिका दहन के अगले दिन यानी 18 मार्च शुक्रवार को होली खेली जाएगी।