दर्शकों को नहीं पसंद आई राजकुमार राव की सामाजिक मुद्दे पर बनी ‘भीड़’, खराब शुरुआत
कोविड-19 जैसी बड़ी महामारी को लंबे समय तक देखने और महसूस करने के बाद दर्शकों की पसंद में काफी बदलाव हुआ है। वे सामाजिक मुद्दों पर बनी बेरंग फिल्मों से ज्यादा धमाकेदार और एक्शन मूवीज़ ज्यादा पसंद कर रहे हैं। कुछ ऐसा ही हाल रहा शुक्रवार को रिलीज हुई राजकुमार राव और भूमि पेडनेकर की ‘भीड़’ का। फिल्म में पंकज कपूर और आशुतोष राणा जैसे दिग्गज कलाकार भी हैं। बावजूद इसके फिल्म के बॉक्स ऑफिस सफर की शुरुवात खराब रही। इस फिल्म को ‘थप्पड़’ और ‘आर्टिकल 15’ जैसी फिल्में बना चुके डायरेक्टर अनुभव सिन्हा ने डायरेक्ट किया है।
प्रवासी मजदूरों पर आधारित है राजकुमार-भूमि की भीड़
कोविड महामारी के दौरान संपूर्ण लॉकडाउन में बोरिंग और इंसिक्योरिटी से भरी जिंदगी का अहसास अभी भी हम सबके जहन में है। वहीं, लॉकडाउन लगते ही सीमाओं पर फंसे प्रवासी मजदूरों के घर वापस जाने की जद्दोजहद से भरी तस्वीरें सभी ने देखी हैं। भीड़ इन्हीं कहानियों को गूंथ कर समाज में खड़ी धर्म-जाति-क्लास की दीवारों पर कमेंट करती है। यदि कलेक्शन की बात करें तो फिल्म पहले दिन महज 20-40 लाख का ही कलेक्शन कर पाई।
महामारी के बाद ऑडियंस की चॉइस में काफी फर्क देखने को मिला है। हैवी कंटेट और बड़े मुद्दे वाली फिल्मों को पर्दे पर अब उतना अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा है, जितना पहले मिलता था। अनुभव ने लॉकडाउन के समय प्रवासी मजदूरों के हालत की तुलना 1947 के बंटवारे से करने के लिए फिल्म को सामाजिक बंटवारे का लुक देने के लिए इसे ब्लैक एंड वाइट में शूट किया है। बहुत लोगों ने इसे पसंद नहीं किया और इसकी आलोचना भी की गई थी। हालांकि फिल्म को
अनुभव की घरेलू हिंसा पर बनी थप्पड़ और जातिवाद को दिखाती आर्टिकल 15 थिएटर्स में खासा हिट रही थी। हालांकि भीड़ दर्शकों का ध्यान अपनी ओर नहीं खींच पाई।