चाइना और नेपाल के मौजूदा संबंधों को लेकर थलसेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने देहरादून में अपनी प्रतिक्रिया दी है। आर्मी चीफ ने कहा कि चीन के साथ भारत की सीमाओं से जुडे विवाद पर स्थिति पूरी तरह से भारत के नियंत्रण में है। सेना प्रमुख आज देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी में होने वाली पासिंग आउट परेड में शामिल होने आये थे …
कार्यक्रम के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि नेपाल से हिंदुस्तान का सम्बन्ध हमेशा से ही मजबूत रहा है और आगे भी मजबूत रहेगा …. थलसेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि चीन के साथ बातचीत का सिलसिला जारी है और अभी कोर कमांडर स्तर की वार्ता के साथ बातचीत शुरू हुई है। भारत को उम्मीद है कि निरंतर संवाद के माध्यम से भारत और चीन सभी कथित मतभेदों को दूर कर देंगे।
सेनाध्यक्ष ने नेपाल के मुद्दे पर कहा कि नेपाल के साथ भारत के मजबूत संबंध हैं। इस दौरान उन्होंने एक बार फिर कहा कि हमारे नेपाल के साथ भौगोलिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक संबंध हैं और उनके साथ हमारा संबंध हमेशा मजबूत रहा है और आगे भी रहेगा। बीते कुछ समय से लद्दाख के पैंगोग त्सो झील, गलवन घाटी और डेमचोक तीन ऐसे स्थान थे जहां भारतीय और चीनी सेनाएं एक-दूसरे के सामने डटी थीं …..
बीते दिनों हुई सैन्य अधिकारियों के स्तर पर हुई बातचीत में भारत ने ये साफ कर दिया है कि वह अपने जवानों को तब तक इलाके से नहीं हटाएगा जब तक कि चीनी सेना इलाके में पहले जैसे हालात नहीं बना देती।
इसके पहले सेना प्रमुख ने देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी में कोरोना संकट के बीच पासिंग आउट परेड की सलामी ली जहाँ कैडेट्स ने पूरी सावधानी के साथ मिलकर कदम ताल करते हुए देश की रक्षा की शपथ ली इस पासिंग आउट के बाद देश के 333 भावी सैन्य अफसर आज देश सेवा और सीमाओं की रक्षा के लिए वतन के रखवाले बने। इसके अलावा 90 विदेशी कैडेट्स भी अपने देश की सेना में शामिल हुए। इनमें 90 युवा सैन्य अधिकारी नौ मित्र देशों अफगानिस्तान, तजाकिस्तान, भूटान, मॉरीशस, मालद्वीव, फिजी, पपुआ न्यू गिनी, श्रीलंका व वियतनाम की सेना का अभिन्न अंग बने।