Sunday, April 28, 2024
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विजय दिवस 2021 : जानिए कौन है 1971 में भारत-पाक युद्ध के हीरो फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ

आज से 50 साल पहले 1971 में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ऐसी जीत दर्ज की थी, की आज का दिन हमेशा के लिए इतिहास के पन्नो में रच गया। 16 दिसंबर 1971, भारत पाकिस्तान के युद्ध में भारत ने पाकिस्तान के 93,000 पाक सैनिकों का मनोबल तोड़ उन्हें घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था …
आज का दिन सैम मानेकशॉ विजय दिवस के नाम से भी मनाया जाता है. .. .1971 भारत-पाकिस्तान के युद्ध में फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ ने अहम भूमिका निभायी थी। इस युद्ध के बाद ही उस समय ‘पूर्वी पाकिस्तान’ यानि आज का ‘बांग्लादेश’ आजाद हो गया था… जहां ये दिन भारत में विजय का प्रतीक है, वहीं दूसरी ओर बांग्लादेश में ये दिन ‘विक्ट्री डे’ के रूप में मनाया जाता है।

जानिए कौन हैं फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ –

मानेकशॉ एक ऐसे आर्मी अफसर थे जो अपने फैसले खुद लिया करते थे। ब्रिटिश इंडियन आर्मी से शुरू हुआ उनका मिलिट्री करियर पूरे चार दशकों तक चला। बांग्ला्देश को पाकिस्तान के शिंकजे से आजाद कराने के लिए जब 1971 में तत्कागलीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सैन्य कार्रवाई करने को कहा तो मानेकशॉ ने उनके फैसले को मानने से इनकार कर दिया था। बाद में उन्होंने खुद इस युद्ध की रूपरेखा तैयार की थी। बता दें, उस समय सैम मानेकशॉ ही थे जो प्रधानमंत्री के फैसले को नकार सकते थे।
आपको बता दें, इंदिरा गांधी को मना करने के सात महीने बाद सैम मानेकशॉ ने युद्ध के लिए हामी भरी। सैम मानेकशॉ को अनेक सम्मान प्राप्त हुए… साल 1972 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया। इससे पहले वह पद्म भूषण से भी सम्मानित हो चुके थे…1973 में उन्हें फील्ड मार्शल का पद दिया गया था. . भारत के लिए 27 जून 2008 वह काला दिन था जब उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया था…
फील्ड मार्शल मानेकशॉ की सर्विस 1934 से 2008 तक थी… जिसमें उन्होंने दूसरे वर्ल्ड वॉर, 1962 के भारत-चाइना वॉर, 1965 के भारत-पाकिस्तान वॉर और 1971 के भारत-पाकिस्तान वॉर में हिस्सा लिया. … भारत-चाइना वॉर और उसके बाद की सारी लड़ाइयां मानेकशॉ की लीडरशिप में लड़ी गई थीं…

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