Monday, April 29, 2024
कोविड 19

कितना ख़तरनाक है कोरोनावायरस का नया वेरिएंट डेल्टा+? यहाँ जानिए …

-आकांक्षा थापा

पिछले साल की तरह ही साल 2021 भी कोरोना के कहर की मार से जूझ रहा है। सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया पर कोरोनावायरस का कहर देखने को मिला। बड़े से बड़ा देश भी कोरोना के हाहाकार से बच नहीं पाया। समय के साथ कोरोना वाइरस भी मज़बूत होता जा रहा है, पिछले साल से लेकर अब तक कोरोनावायरस कई बार म्यूटेट हुआ है और इसके नए वेरिएंट्स ने भयंकर तबाही मचाई है। और अब एक बार फिर से कोरोनावायरस का नया वेरिएंट सामने आया है। वहीँ, भारत के लोगों द्वारा यह चिंता जताई जा रही है कि अब ये नया वेरिएंट पुराने वेरिएंट के मुकाबले कितना घातक होगा। आपको बता दें, वैज्ञानिकों ने इस बात की पुष्टि की है कि इस नए वेरिएंट का नाम डेल्टा प्लस है और यह डेल्टा या B.1.617.2 वेरिएंट का म्युटेंट है जिसे ‘AY.1’ भी कहा जाता है।

वहीँ, वैज्ञानिकों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इस वर्ष जिन वेरिएंट्स के वजह से भारत में कोरोनावायरस का दूसरा लहर आया था उसका जिम्मेदार डेल्टा वेरिएंट भी है। साथ ही इस बात की भी पुष्टि नहीं है की कोरोना वायरस विरोधी जो टीके बने हैं, क्या वो नए वेरिएंट्स पर असर कर पायंगे।जानकार बताते हैं कि K417N के म्यूटेट होने के चलते B.1.617.2 बना है जिसे AY.1 भी कहा जाता है। जानकार बताते हैं कि, यह नया वेरिएंट सार्स-सीओवी-2 का स्पाइक प्रोटीन है जो इंसान के सेल के अंदर घुसकर उसे इनफेक्ट करता है। साथ ही, भारत में K417N की फ्रीक्वेंसी इस समय अभी ज्यादा नहीं है लेकिन यूरोप, एशिया और अमेरिका में इस वेरिएंट का खतरा अधिक है। आपको बता दें यह वेरिएंट सबसे पहले यूरोप में इस वर्ष मार्च में पाया गया था।
बात करें अगर इस वेरिएंट के दवाइयों के प्रति रिएक्शन की, तो जानकारों के मुताबिक डेल्टा प्लस भारत में कोविड-19 के लिए ऑथराइज्ड मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल का प्रतिरोधी है। हाल ही में सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन की तरफ से Casirivimab और Imdevimab के कॉकटेल को इमरजेंसी यूज के लिए अथॉरिटी मिली थी। भारत में यह कॉकटेल बनाने वाले Roche India और Ciplas ने इन एंटीबॉडी कॉकटेल का दाम एक डोज के लिए करीब 60 हजार के आस-पास तय किया है।

आपको बता दें की मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज लैब में आर्टिफिशियल तरीके से बनाया जाता है जो इस डिजीज के खिलाफ प्रभावी साबित होता है। Casirivimab और Imdevimab के मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज इस वायरस को इंसान के सेल में प्रवेश करने से ब्लॉक करता है। यह नया म्यूटेशन इंसान के इम्यून रिस्पांस से बच निकलने में सक्षम हो सकता है‌।

 

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