Friday, May 3, 2024
उत्तराखंड

उत्तराखंड सरकार ने केंद्र से मांगा ग्रीन बोनस, सीमांत क्षेत्रों के लिए अधिक धन देने पर भी जोर, एक नज़र प्रदेश सरकार की मांगों पर…

देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने केंद्र से इस बार के बजट में ग्रीन बोनस और सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए अधिक धनराशि जारी करने की मांग की है। मंगलवार को विधानसभा में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय राज्य वित्त मंत्री अनुराग ठाकुर से उत्तराखंड के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने बात की।

केंद्र की ओर से यह बैठक बजट पूर्व प्रत्याशा को लेकर आयोजित की गई थी। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने केंद्रीय वित्त मंत्री से बात करते हुए ग्रीन बोनस पर जोर दिया और कहा कि उद्योगों के विस्तार की कीमत पर पर्यावरण की रक्षा करने के लिए उत्तराखंड को यह बोनस दिया जाना चाहिए। प्रदेश सरकार की ओर से पांच साल के लिए ग्रीन बोनस के रूप में 40 हजार करोड़ रुपये की मांग की जा रही है।

इसी के साथ चीन और नेपाल से सटी सीमा को देखते हुए प्रदेश सरकार ने केंद्र से बजट में सीमांत विकास और सुरक्षा के लिए अधिक प्रावधान करने की मांग भी की। कौशिक ने कहा कि सीमांत क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास अन्य क्षेत्रों के मुकाबले कम हुआ है जिसके कारण यहां से लोगों का पलायन हो रहा है।

प्रदेश सरकार की ओर जताई गई अन्य अपेक्षाएं

  • स्प्रिचुअल इको जोन या नई केंद्र सहायतित स्पेशल आयुष जोन योजना के लिए धनराशि।
  • प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में आवास निर्माण के तहत प्रति लाभार्थी 1.30 लाख रुपये को बढ़ाकर दो लाख की सहायता राशि।
  • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में पर्वतीय क्षेत्रों में 250 से अधिक आबादी की जगह 150 की आबादी वाले गांवों को सड़क की मंजूरी मिले।
  • ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के तहत 35 प्रतिशत की सहायता राशि को बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया ।
  • स्वरोजगार के लिए दिए जाने वाले ऋण की धनराशि को दो लाख से बढ़ाकर तीन लाख किया जाए।
  • गौरी कुंड से केदारनाथ, नैनीताल रोपवे, गोविंदघाट से हेमकुंड के लिए एक अलग केंद्र सहायतित योजना शुरू की जाए।
  • छोटे उद्यमी को मेंटरिंग तथा हैंड होल्डिंग स्पोर्ट के लिए रूरल बिजनेस इक्यूबेटर की स्थापना के लिए वित्तीय मदद ।
  • मनरेगा में श्रम सामग्री अनुपात 60:40 के बजाय 50:50 किया जाए।
  • वृद्धावस्था पेंशन प्रति लाभार्थी 200 रुपये की जगह 1000 रुपये की जाए।
  • राष्ट्रीय खेलों के लिए वित्तीय सहायता दी जाए।

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