उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स की रैली, देहरादून की सड़कों पर उतरे इंजीनियर्स
उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ ने देहरादून में विशाल रैली का आयोजन किया। प्रदेशभर से आये सैंकड़ों डिप्लोमा इंजीनियर्स ने इस रैली में हिस्सा लिया। उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ ने कहा कि सरकार कर्मचारियों की जायज मांगों को पूरा नहीं कर रही है यही कारण है कि उन्हें जिलों का कामकाज छोड़कर देहरादून की सड़कों पर उतरना पड़ा है। डिप्लोमा इंजीनियर्स का कहना है कि वर्ष 2013-14 में कर्मचारियों की जो समस्याएं और मांगें थी उनमें छह मांगों पर शासन से सात साल पहले निर्णय हो चुका है। लेकिन उसको अभी तक लागू नहीं किया है। जबकि उनमें से कई निर्णयों में समय सीमा तय की गई थी। सरकार ने उन छह मांगों को तय सीमा के बाद भी पूरा नहीं किया है। इनके अलावा 12 मांगें डिप्लोमा इंजीनियर्स और कर्मचारियों के सेवा हित से जुड़ी है। कनिष्ठ अभियंता को सेवा नियमावली में पदोन्नत की पात्रता के अनुसार तीन पदोन्नति, वेतनमान अनिवार्य रूप से दिया जाना चाहिए। पीएमजीएसवाई खंडों के लिए लोक निर्माण विभाग के पूर्व में स्वीकृत रहे संवर्गीय पदों को पुनर्जीवित कर पूर्व की भांति संवर्गीय किया जाए। कृषि विभाग एवं जिला पंचायत में भी अन्य समस्त अभियंत्रण विभागों की भांति सहायक अभियंता-अधिशासी अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता यथोचित पद सृजित किए जाने जरूरी है। इसके अलावा डिप्लोमा इंजीनियर्स की 1 अक्तूबर 2005 से लागू अंशदाई पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन व्यवस्था (ओपीएस) बहाल करने की मांग भी है।