Monday, April 29, 2024
उत्तराखंड

टनल निर्माण से जोशीमठ पर आया खतरा, जीएसआई के पूर्व अपर महानिदेशक टीएस पांगती का बड़ा बयान

उत्तराखंड के जोशीमठ शहर को लेकर हर तरफ चिंता है। उत्तराखंड डिजास्टर एंड एक्सीडेंट सिनोप्सिस की रिपोर्ट के अनुसार, जोशीमठ में 500 घर रहने के लायक नहीं हैं। जोशीमठ नगर प्राचीन, आध्यात्मिक और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है लेकिन नगर के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है। नगर में जगह-जगह से हो रहा भू-धंसाव लगातार बढ़ता जा रहा है संयुक्त मजिस्ट्रेट दीपक सैनी ने बताया कि जोशीमठ भू-धंसाव पर पीएमओ से भी जानकारी मांगी गई है। पीएमओ से भी मामले की मॉनिटरिंग की जा रही है। लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि आखिर जोशीमठ में यह स्थिति आई कैसे?
इस बात का जवाब दिया है जीएसआई के पूर्व अपर महानिदेशक डॉ.टीएम पांगती ने। डॉ.टीएस पांगती वरूणावत पर्वत ट्रीटमेंट, केदारनाथ आपदा समेत कई महत्पूर्ण प्रोजेक्ट पर कार्य कर चुके हैं। उनका कहना है कि जोशीमठ की वर्तमान दशा के लिये एनटीपीसी द्वारा बनाई जा रही टनल है। टनल के चलते पानी का रिसाव हुआ है और इससे जमीन के भीतर मूवमेंट शुरू हुआ है। आपको बता दें कि चमोली जिले में धौलीगंगा नदी पर एनटीपीसी की ओर से वर्ष 2006 से 520 मेगावाट की तपोवन विष्णुगाड परियोजना बनाई जा रही है। इसमें 130 मेगावाट की चार पेल्टन टरबाइन और धौलीगंगा नदी पर निर्मित एक बैराज शामिल होगा। यह बैराज 200 मीटर लंबा और 22 मीटर ऊंचा होगा। इसमें 12 मीटर ऊंचे और 14 मीटर चौड़े चार गेट होंगे। जिला प्रशासन की रोक के बाद तपोवन में बैराज साइड निर्माण कार्य और सुरंग के अंदर टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) को निकालने का काम रुक गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *