Sunday, April 28, 2024
उत्तराखंडराजनीति

दिल्ली जाने से पहले डॉ.निशक से और लौटने पर त्रिवेन्द्र से मिले सीएम धामी, क्या हैं सियासी मायने?

देहरादून- उत्तराखण्ड में भाजपा-कांग्रेस के सरकार बनाने के दावे के बीच दोनों दलों के भीतर हर दिन नये सियासी समीकरण बनते-बिगड़ते भी दिखाई दे रहे हैं। ऐसा ही एक नया सियासी समीकरण सत्ताधारी भाजपा के भीतर भी बनता दिखाई दे रहा है। सीएम पुष्कर सिंह धामी और पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत के बीच हुई एक मुलाकात ने सियासी गलियारों में हलचल बढ़ा दी है।

वैसे तो सीएम धामी का पूर्व सीएम से मिलना राजनीतिक रूप से सामन्य मुलाकात जान पड़ती है लेकिन उनकी मुलाकात केवल पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र से नहीं हुई है बल्कि वे पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक से भी मुलाकात कर चुके हैं। सीएम धामी ने दिल्ली रवाना होने से पहले पूर्व सीएम निशंक से मुलाकात की और लौटते ही वे पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र से मिले। पूर्व सीएम होने के नाते दोनों से मुलाकात हो सकती है लेकिन पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत भी हैं जिनसे सीएम धामी की मुलाकात नहीं हुई है।

पूर्व सीएम डॉ.रमेश पोखरियाल निशंक से मुलाकात करते सीएम पुष्कर सिंह धामी

वैसे भी राजनीति में ताकतवर को ही तव्वजो मिलती है। ऐसे में कयास इस बात के लगाये जा रहे हैं कि ये मुलाकात सामान्य तो कतई नहीं है। राज्य के राजनीतिक पंडित ये मानकर चल रहे हैं कि इस दफा चुनाव में किसी एक दल को स्पष्ट बहुमत मिलना मुश्किल है। ऐसे में बसपा, यूकेडी और निर्दलीय प्रत्याशियों के हाथ में सत्ता की चाबी जा सकती है। बसपा के विधायकों का रूख पार्टी सुप्रिमो मायावती तय करेंगी और बहनजी का समर्थन तो हाईकमान की बदौलत ही मिल सकता है। लेकिन राज्य के निर्दलीय और यूकेडी विधायकों को साधने की जिम्मेदारी तो प्रदेश भाजपा पर होगी। अब ये विधायक भाजपा के किस नेता के करीबी होंगे और किसके कहे सधेंगे ये भी बड़ा सवाल है।

पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मुलाकात करते सीएम पुष्कर सिंह धामी
पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मुलाकात करते सीएम पुष्कर सिंह धामी

लिहाजा सीएम पुष्कर सिंह धामी के लिये वापस मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। यही कारण है कि धामी ने उत्तराखंड भाजपा के दो पावर सेंटरों से मुलाकात कर न केवल उनके मन की थाह ली होगी बल्कि बदलते माहौल में उनका समर्थन भी मांगा होगा। यहां यह भी बेहद अहम है कि खटीमा सीट का परिणाम क्या रहेगा। क्योंकि खटीमा सीट पर कुछ भी हो सकता है वहां कांग्रेस प्रत्याशी भुवन कापड़ी ने सीएम धामी को जबर्दस्त टक्कर दी है। बहरहाल फैसला 10 मार्च को होना है सरकार बनाने का दावा कांग्रेस का भी है और भाजपा का भी। त्रिशंकु विधानसभा के भी कायास लगाये जा रहे हैं। इन सभी संभावनाओं के बीच सीएम पुष्कर सिंह धामी कमजोर नहीं पड़ना चाहते इसलिये उनकी ओर से फिल्डिंग टाइट की जा रही है।

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