World Vitiligo Day 2021: जानिए क्यों होते हैं सफेद दाग और क्या है इस दिन का महत्त्व…
-आकांक्षा थापा
आज यानि 25 जून को दुनियाभर में ‘विटिलिगो डे’ मनाया जाता है। विटिलिगो यानी सफेद दाग एक दीर्घकालिक समस्या है जिसमें त्वचा पर पैच आते हैं, यह बढ़ते पैच अपना रंग खो देते हैं। यह किसी भी उम्र, लिंग या जातीय समूह के लोगों को प्रभावित कर सकता है। हर साल 25 जून को विटिलिगो डे मनाया जाता है, जिससे कि उसके प्रति लोगों के बीच जागरुकता बढ़े।
आइए जानते है आखिर क्या है विटिलिगो। इसके साथ ही जानें इसके लक्षण और बचाव के बारें में…
दरअसल यह दुर्लभ त्वचा रोग, विटिलिगो मेलेनिन की कमी के कारण होता है। त्वचा पर हल्के सफेद धब्बे पैदा करने वाले वर्णक की हानि होती है। दुनियाभर में लगभग 1-2 प्रतिशत आबादी इस दुर्लभ स्थिति से पीड़ित है। विटिलिगो को अक्सर भ्रांतियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए, विश्व विटिलिगो दिवस हर साल 25 जून को मनाया जाता है। आपको बता दें की इस तिथि को संगीत कलाकार माइकल जैक्सन के स्मारक में चुना गया था। जो अपनी मृत्यु तक इस दुर्लभ त्वचा रोग से पीड़ित थे, जो 25 जून 2009 को हुआ था।
क्या है विटिलिगो के प्रमुख लक्षण?
इस रोग के होने पर त्वचा में सफेदी नजर आने लगती है, यानि की आपके शरीर के रोएं बी सफेद होने लगते है। यह लक्षण रोग की शुरुआत में नज़र आने लगता है.. .. इसमें कोई दर्द या फिर खुजली नहीं होती हैं। हालाँकि, बस गर्मियों के मौसम में इन जगह पर जलन जरुर होती है। इसकी शुरुआत आपके हाथों के पीछे, आर्म्स, शरीर का खुला भाग, पैर, आईब्रो या फिर कोहनी में सफेद दाग पड़ने लगते है।
कैसे करें विलिटिगो से बचाव ?
कई बार उपचार के एक-डेढ़ साल के बाद त्वचा पर फिर से दाग नज़र आने लगते हैं तो ऐसे में दोबारा दवाओं के सेवन की ज़रूरत पड़ सकती है। अगर दो साल तक सफेद निशान वापस न दिखाई दे तो इस बात की संभावना है कि अब ऐसी कोई समस्या नहीं होगी। अगर आपकी त्वचा अधिक संवेदनशील है तो तेज़ गंध वाले साबुन, परफ्यूम, डियो, हेयर कलर और कीटनाशकों से दूर रहें।
इसके उपचार के लिए स्किन ग्राफ्टिंग की तकनीक अपनाई जाती है। इसमें किसी एक जगह की त्वचा को निकालकर दाग वाले हिस्से पर लगाया जाता है, जिससे दाग छिप जाते हैं। कुछ लोग दाग को छिपाने के लिए उस पर टैटू भी बनवाते हैं। ऐसा कभी न करें। इससे उसके फैलने का डर बढ़ जाता है।