Saturday, April 27, 2024
उत्तराखंड

भर्ती घोटालों की क्या हो पाएगी सीबीआई जांच, कोर्ट का रूख सख्त

नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य में प्रतियोगी परीक्षा पेपर लीक मामलों की जांच सीबीआई से कराने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं में बार-बार घपला क्यों हो रहा है।
हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार, सीबीआई और डीजीपी को 11 जुलाई तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
मामले के अनुसार देहरादून निवासी विकेश सिंह नेगी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि राज्य में पिछले कुछ दिनों से छात्र यूकेएसएसएससी और यूकेपीएससी पेपर लीक होने के कारण सड़कों पर हैं। पुलिस बेरोजगार युवाओं पर लाठीचार्ज कर रही है और सरकार इस मामले में चुप्पी साधे है।
याचिका में कहा गया कि छात्रों को जेल तक भेज दिया गया है और सरकार पेपर लीक कराने वालों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। इसलिए इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए।
याचिकाकर्ता का कहना था कि स्थानीय पुलिस और एसटीएफ पर उन्हें विश्वास नहीं है। राज्य में बीडीओ भर्ती, लेखपाल भर्ती व पटवारी भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं। यूके पीसीएस की परीक्षाओ में भी घपला हुआ है।
जनहित याचिका में कहा गया कि हिमाचल में कांस्टेबल भर्ती की सीबीआई जांच हुई, जिसके तार देहरादून और हरिद्वार तक जुड़े मिले। हिमाचल सरकार ने उसकी जांच सीबीआई से कराई लेकिन उत्तराखंड सरकार इतने पेपर लीक होने के बाद भी इसकी जांच सीबीआई से नहीं करा रही है। याचिकाकर्ता ने इस प्रकरण की जांव सीबीआई से कराने की मांग की है।

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