वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट से एक दिन पूर्व सदन में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। आर्थिक सर्वेक्षण वित्त मंत्रालय द्वारा जारी की गई एक वार्षिक रिपोर्ट है। यह पिछले एक साल में देश के आर्थिक प्रगति और प्रदर्शन का विवरण होता है। आर्थिक सर्वेक्षण में अर्थव्यवस्था से जुड़े सभी मुख्य आंकड़े पेश किए जाते हैं। इसमें अर्थव्यवस्था के मुख्य हिस्सों जैसे महंगाई दर, बुनियादी ढांचे, कृषि और विदेशी मुद्रा भंडार जैसे प्रमुख क्षेत्रों में रुझानों का विस्तृत विवरण दिया जाता है। साथ ही देश में मौजूद आर्थिक चुनौतियों का भी जिक्र किया जाता है।
शिक्षा के बारे में क्या कहता है आर्थिक सर्वेक्षण
आर्थिक सर्वेक्षण 2023 में शिक्षा से जुडे पहलुओं को सकारात्मकता के साथ पेश किया गया है। मंगलवार को जारी हुए आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, प्री-प्राइमरी को छोडकर अन्य सभी स्तरों पर एनरोलमेंट को लेकर सुधार हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार इस अवधि के दौरान ड्रापआउट दर में भी कमी आई है। सर्वेक्षण बताता है कि 2021-22 वित्तीय वर्ष में सभी स्कूलों के सकल नामांकन अनुपात (जेईआऱ) में सुधार देखा गया है। जेईआर स्कूलों में एक विशेष स्तर पर नामांकन है, जिसे उस आयु-वर्ग में स्कूल जाने वाली कुल आबादी के प्रतिशत में व्यक्त किया जाता है। रिपोर्ट बताती है कि उच्च प्राथमिक और प्राथमिक स्तर पर लड़कियों का जीईआर लड़कों की तुलना में बेहतर है।
रिपोर्ट के अनुसार, 2021-22 में देश के 40 प्रतिशत स्कूलों में इंटरनेट और 89.3 प्रतिशतओ स्कूलों में बिजली थी।