भारत की धरती से कीजिए पवित्र कैलाश पर्वत के दर्शन, नहीं जाना पड़ेगा तिब्बत
अगर आप कैलाश मानसरोवर यात्रा करना चाहते हैं और लंबी दूरी, स्वास्थ्य कारणों और विदेशी यात्रा के पचड़े से घबराकर यात्रा नहीं कर पा रहे हैं तो आपके लिये खुश खबरी है। क्योंकि अब आपको कैलाश पर्वत के दर्शनों के लिये तिब्बत जाने की जरूरत नहीं है बल्कि आप भारत की धरती से खड़े होकर पवित्र कैलाश पर्वत के दर्शन कर सकते हैं।
जी हां सुनने में अटपटा लगेगा मगर ये खबर सोलह आने सच है। भगवान शिव का घर माने जाने वाले कैलाश पर्वत के दर्शन अब भारत से ही हो सकेंगे। इसके लिए अब चीन के कब्जे वाले तिब्बत जाने की जरूरत नहीं होगी। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की 18 हजार फीट ऊंची लिपुलेख की पहाड़ियों से कैलाश पर्वत साफ दिखाई देता है। यहां से पर्वत की हवाई दूरी 50 किलोमीटर की है। इस नए दर्शन मार्ग को स्थानीय ग्रामीणों ने तलाशा है।
चलिये अब जरा इन तस्वीरों को गौर से देखिये। ये मोबाइल से ली गई तस्वीरें हैं जिसमें कैलाश पर्वत के साफ साफ दर्शन हो रहे हैं। अंदाजा लगाइये यहां से खड़े होकर अपनी आखों से कैलाश पर्वत और भी साफ देखा जा सकेगा। इतना ही नहीं अगर दूरबून का प्रयोग कर लें तो कैलाश पर्वत के ऐसे दर्शन हो सकते हैं जैसे मानसरोव झील के आस-पास से होते हैं।
ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची अफसरों और विशेषज्ञों की टीम ने रोड मैप, लोगों के ठहरने की व्यवस्था, दर्शन के पॉइंट तक जाने का रूट सहित अन्य व्यवस्थाओं के लिए सर्वे भी कर लिया है। और कैलाश पर्वत के दर्शन के लिये रिपोर्ट पर्यटन मंत्रालय को भेज दी गई है। पर्यटन मंत्रालय से हरी झंडी मिलते ही इस स्थान को यात्रियों के लिये मुफीद बनाने का काम शुरू होगा और लोग भारत की धरती से ही कैलाश पर्वत के दर्शन कर पाएंगे।
लिपुलेख की जिस पहाड़ी से कैलाश पर्वत दिखता है, वो नाभीढांग से ठीक 2 किलोमीटर ऊपर है। यहां से 4-5 दिन की यात्रा करके कैलाश पर्वत के दर्शन किए जा सकते हैं। श्रद्धालुओं को सड़क मार्ग से धारचूला और बूढ़ी के रास्ते नाभीढांग तक पहुंचना होगा। इसके बाद दो किलोमीटर की चढ़ाई को पैदल तय करना होगा।