सिंचाई विभाग से नौकरी गंवाने वाले नरेश बंसल कैसे पहुँचे राज्यसभा ?
राज्यसभा में उत्तराखंड से कौन जायेगा ये बहुत बड़ा रहस्य था जिसके पीछे कई बड़े ज्योतिषी भी कन्फ्यूज़ थे …. कुछ लोग जहाँ बागी कांग्रेस विधायकों को भाजपा में शामिल करवाने वाले विजय बहुगुणा को फेवरिट बता रहे थे वही एक तबका किसी पार्टी कैडर के वफादार की लॉटरी खुलने का दावा कर रहा था , हरक सिंह रावत भी कुछ इसी तरह के माहौल में नया समीकरण बना रहे थे लेकिन अब तस्वीर साफ़ है और एक औपचारिकता ही बाकी है जब संगठन के पुराने महारथी और संघ के चहते नरेश बंसल भाजपा के राज्यसभा सदस्य के तौर पर दिल्ली चले जायेंगे।
खुद इस नाम का एलान भाजपा हाईकमान ने सोमवार देर रात किया था । अभी फिलहाल बंसल बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष भी हैं और उन्हें कैबिनेट मंत्री स्तर की सुविधाएं हासिल हैं। भाजपा हाईकमान ने सोमवार रात करीब पौने दस बजे बंसल के नाम का ऐलान किया।
अब हम आपको बताते हैं कि सिंचाई विभाग की नौकरी करने वाले नरेश कैसे सियासत के नरेश बन गए कुशल नेतृत्व व बेहतर सांगठनिक कौशल के कारण पार्टी में उनकी छवि हरफनमौला की है। उनकी इसी कार्यशैली से भाजपा हाईकमान ने राज्यसभा सीट के लिए उन्हें उम्मीदवार घोषित किया है।
फरवरी 1977 में सिंचाई विभाग में संघ से संपर्क के कारण सेवा समाप्ति का नोटिस मिला। जुलाई 1977 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी और बाद में उनकी नियुक्ति यूको बैंक में हुई। आपको बता दें कि नरेश बंसल का जन्म देहरादून में हुआ और केवल आठ साल की उम्र में ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ कर स्वयं सेवक बने।
प्राइमरी शिक्षा देहरादून नगर पालिका के स्कूल और इंटरमीडिएट की शिक्षा भी देहरादून में ही हुई। 14 वर्ष की आयु में उन्होंने संघ का प्राथमिक शिक्षा वर्ग किया। बाद में संघ के तृतीय वर्ष का शिक्षण नागपुर में लिया। उन्होंने डीएवी कालेज देहरादून से एमकॉम की शिक्षा भी प्राप्त की। 1989 में श्रीराम शिला पूजन समिति का नगर संयोजक का दायित्व निभाया। श्रीराम जन्म भूमि आंदोलन के समय गठित उत्तराखंड संवाद समिति के कोषाध्यक्ष रहे। 1972 में विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक का दायित्व निभाया।
नरेश बंसल 1980 से 1986 तक हिंदू जागरण मंच के नगर अध्यक्ष रहे।बंसल ने चार नवंबर 2002 से 2009 तक पूर्णकालिक कार्यकर्ता के रूप में प्रदेश संगठन महामंत्री का दायित्व निभाया। इसके बाद 2009 से 2012 तक तत्कालीन प्रदेश भाजपा सरकार में अध्यक्ष आवास एवं विकास परिषद का दायित्व मिला। 2009 से 2012 तक भाजपा राष्ट्रीय कार्यसमिति के स्थायी आमंत्रित सदस्य रहे। 2012 में विधानसभा चुनाव में प्रदेश चुनाव अभियान समिति के सचिव का दायित्व मिला।
कामयाबी के शिकार की ओर बढ़ रहे नरेश बंसल ने पहले भी 2012 में केंद्र के आदेश पर राज्यसभा के लिए नामांकन किया, लेकिन बाद में नाम वापस लिया। 2004, 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश के स्टार प्रचार की सूची शामिल रहे। 2012 से 2019 तक प्रदेश महामंत्री रहे। 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष का दायित्व संभाला। और अब नरेश बंसल उत्तराखंड से राज्यसभा की ओर दिल्ली भेजे जा रहे हैं