Uttarakhand: चीन-नेपाल बॉर्डर से सटे गांवों की बदलेगी तस्वीर, 3 जिलों के 51 गांव चिन्हित
केंद्र सरकार की ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ के तहत राज्य के सीमांत गांवों को निखारने का प्रयास किया जा रहा है।
केंद्र सरकार उत्तराखंड के सीमांत गांवों को विकासशील बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है। केंद्र की ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ योजना के तहत चीन-नेपाल सीमा से सटे गांवों को निखारने का प्रयास किया जा रहा है। इसके तहत तीन जिलों उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ के 51 गांवों को चिन्हित किया गया है। इन गांवों में मूलभूत सुविधाओं जैसे कि पानी, बिजली, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और संचार आदि सुविधाओं के विस्तार और आजीविका पर जोर दिया जाएगा। योजना के क्रियान्वयन से न सिर्फ इन गांवों की तस्वीर बदलेगी, बल्कि यहां से लोगों के पलायन पर भी अंकुश लग सकेगा।
इन मूलभूत सुविधाओं का होगा विस्तार
इसमें सीमांत गांवों में पानी, बिजली, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, संचार जैसी मूलभूत सुविधाओं के विस्तार और आजीविका विकास पर मुख्य रूप से जोर दिया गया है। राज्य की 675 किलोमीटर सीमा चीन और नेपाल से सटी है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे जिलों के गांव पलायन का दंश भी झेल रहे हैं। बड़ी संख्या में लोग यहां से रोजगार की तलाश में दूसरे शहरों की तरफ जाते हैं। सरकार के इन कदमों से रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। हालांकि, सीमांत गांवों के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम चल रहे हैं, लेकिन नई योजना से अब इसमें तेजी आएगी।