मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय में कोविड की रोकथाम एवं बचाव कार्यों की बैठक लेते हुए अधिकारियों का निर्देश दिये है कि कोविड-19 पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जन जागरूकता अभियान में और तेजी लाई जाय। प्रदेश में हर घरों के दरवाजों, धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों, कार्यालयों, वाहनों में कोविड से जागरूकता हेतु स्टीकर लगाये जाय। इसके लिए जन प्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों एवं एनजीओ से सहयोग लिया जाय। प्रदेश में पर्यटन की गतिविधियों में तेजी आई है एवं त्योहारों का सीजन भी शुरू होने वाला है। इसके दृष्टिगत मास्क के उपयोग, सोशल डिस्टेंसिंग एवं स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाईन के अनुसार सभी व्यवस्थाएं सुचारू रखी जाय। इसके लिए बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाय। कोविड से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करना उद्देश्य होना चाहिए। जिन लोगों के मास्क के उपयोग न करने पर चालान किये जा रहे हैं, उन्हें मास्क जरूर उपलब्ध कराये जाय। सीनियर डाॅक्टर कोविड के मरीजों को दिन में कितनी बार चेकअप कर रहे हैं, इसकी नियमित माॅनिटरिंग की जाय।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस बैठक में कोरोना जाॅच परिणाम के लिए आनलाईन पोर्टल लांच किया … टेस्ट कराने वाले व्यक्ति को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, विभाग, उत्तराखण्ड के कोविड मैनेजमेंट पोर्टल http//covid19.uk.gov.in पर जाकर टेस्ट के समय प्राप्त SRFID एवं रजिस्टर्ड मोबाईल नम्बर पर जांच रिपोर्ट प्राप्त हो जायेगी। यह पोर्टल उत्तराखसण्ड एनआईसी द्वारा बनाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना पर नियंत्रण हुआ है, लेकिन यह समय और अधिक सतर्कता बरतने का है। विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं स्वास्थ्य विभाग की गाईडलाईन के अनुसार सभी मानकों का पालन सुनिश्चित हो। त्योहारों के सीजन में पुलिस की भूमिका और अधिक बढ़ जायेगी। इसके लिए पुलिस फोर्स, होमगार्ड, पीआरडी आदि की समुचित व्यवस्था की जाय। पर्यटक स्थलों पर भी फोर्स की पर्याप्त संख्या हो।
बैहक़ में मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि जन जागरूकता एवं संवेदनशील प्रशासन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।सरकार ने अभी तक जो प्रयास किये हैं, उनमें क्या सुधार की आवश्यकता है, किन मामलों में शिकायतें आयी हैं, इसके समाधान के लिए सरकारी स्तर पर क्या प्रयास किये जा रहे हैं। इसका पूरा विश्लेषण कर कार्य करना जरूरी है। आयुष विभाग द्वारा प्री कोविड एवं पोस्ट कोविड के लिए जो आयुष किट एवं अन्य व्यवस्थाएं की गई हैं, वह लोगों तक पर्याप्त मात्रा में पहुंचे और इसका प्रसार भी अधिक हो। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि अगर कोई मामला ऐसा आता है कि अनअधिकृत डाॅक्टरों द्वारा मरीजों को दवा दी जा रही है, तो उन पर सख्त कारवाई की जाय।
इस बेहद अहम मीटिंग में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, डीजी लाॅ एण्ड आर्डर अशोक कुमार, सचिव आर. के सुधाशु, नितेश झा, एस. ए. मुरूगेशन, आईजी संजय गुन्ज्याल, महानिदेशक सूचना डाॅ. मेहरबान सिंह बिष्ट, महानिदेशक स्वास्थ्य डाॅ. अमिता उप्रेती और वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और सीएमओ शामिल हुए।