उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के प्रदेश उपाध्यक्ष आर्येन्द्र शर्मा ने एक बार फिर से उत्तराखंड की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े किए हैं… आर्येन्द्र शर्मा ने प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना के ईलाज के नाम पर मची लूट पर ज़ोरदार हमला बोला है , उन्होंने कहा की, “सरकार इस लूट पर मूकदर्शक बनी है और निजी अस्पतालों को लूट करने के लिए संरक्षण दे रही है. सरकार पूरी तरह से संवेदनहीन हो चुकी है, यदि सरकार थोड़ी भी संवेदनाएं दिखाती तो सैकड़ों-हज़ारों लोगों की जान बचाई जा सकती थी. महामारी के सौदागर बन चुके प्राइवेट अस्पतालों में सेना की तैनाती कर दी जाए और प्राइवेट अस्पतालों में ईलाज की कीमत तय कर दी जाए”. साथ ही उन्होंने हाईकोर्ट से भी हस्तक्षेप की अपील की है.
साथ ही, उन्होने कहा कि अस्पतालों के बाहर की स्थिति इससे भी बदतर है. ऑक्सिजन से लेकर कोरोना संक्रमण के लिए ज़रूरी दवाइयों की काला बाज़ारी जारी हैं. . जी हाँ, रैमेडिसिवर इंजेक्शन ब्लैक में 50-60 हज़ार रुपये तक दिया जा रहा है… उधर घरों पर होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना संक्रमितों के साथ कोरोना किट के नाम पर भद्दा मजाक किया जा रहा है. 14 दिन की किट में विटामिन-सी की मात्र तीन टैबलेट दी जा रही हैं.
आर्येन्द्र शर्मा ने मांग करते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग के सभी पदाधिकारी, प्रभारी मंत्री, अधिकारी, दवा दुकान के मालिक, एम्बुलेंस मालिक और ड्राइवर के मोबाइल भी सर्विलांस पर ले, पता चल जाएगा कि इन लोगों ने कितनी बड़ी लूट मचा रखी है. यही नहीं, उन्होंने प्रशासन के साथ स्वास्थ्य विभाग को इन हालातों का ज़िम्मेदार माना, इनकी लापरवाही की वजह से ही ये दृश्य देखना पड़ रहा है…