Tuesday, December 3, 2024
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उत्तराखंड में मंत्री बनने की ज़िद और ख्वाइश सबको है 

छोटा सा राज्य , सत्तर विधायकों वाली  विधान सभा और एक दर्ज़न मंत्री …. लेकिन ख्वाइशें ऐसी कि चुनाव लड़ते ही मंत्री की कुर्सी पर टिक जाती है प्रत्याशी की नज़र …. पहाड़ में रूठने मनाने की परम्परा और लाल बत्तियां प्रसाद में बाँटने का रिवाज भी इसी चाहत की वजह से खूब फलता फूलता रहा है। क्या कांग्रेस क्या भाजपा किसी भी शासन में ये विधायक अपनी मंत्री बनने की चाहत को दबा नहीं सके हैं नतीज़ा कभी दिल्ली दरबार की चरण वंदना तो कभी बगावती बैठकों का सियासी ड्रामा ….

मीडिया में बयान और बच बच कर अपनी ही सरकार को दबाव में लेना उत्तराखंड की जन्मजात सियासी समस्या रही है। खेमो में कटी बटी पॉलिटिक्स और सबके अपने अपने नेता ….. भाजपा में निशंक गुट , कोश्यारी गुट , अजय भट्ट गुट , खंडूरी गुट वगैरह वगैरह तो वहीँ कांग्रेस में हरदा गुट , इंदिरा हृदयेश गुट प्रीतम गुट तो किशोर गुट आदि आदि …..

अब खेमे इतने होंगे तो विधायकों की वफादारी भी डांवाडोल होना लाज़मी है। लिहाज़ा जब जो ताकतवर हुआ विधायकों की जुबां पर वही नेता वही गुट उसका चहेता हो जाता है। इस बीच गढ़वाल वाद , कुमायूं वाद और ब्राह्मण ठाकुर वाद भी प्रभावी होता रहा है जिससे पार पाना आसान नहीं होता है।

यानी एक मंत्री चुनने के लिए मुख्यमंत्री और पार्टी प्रमुख को दर्जनों विधायकों की कुंडली मिलानी होती है। मौजूदा समय में त्रिवेंद्र सरकार के सामने भी एक बार फिर यही चुनौती मुंह बाए खड़ी है क्यूंकि लम्बा वक्त बीत जाने के बाद भी मंत्रिमंडल का विस्तार हो नहीं सका है। 

     

हांलाकि अब दबी ज़ुबान ये खबर आने लगी है कि उत्‍तराखंड में मुख्‍यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जल्‍द अपनी टीम में नए विधायकों को एंट्री देने का मन बना चुके हैं। सच भी है क्यूंकि लम्बे समय से त्रिवेंद्र मंत्रिमंडल में तीन सीट खाली हैं, लेकिन समस्या फिर वही पुरानी है क्यूंकि ख्वाइशें पाले सरकार की तरफ देखने वाले दावेदार हैं 46 विधायक …… इनमें पांच विधायक तो वो हैं, जिनको सरकार और मंत्रालय चलाने का पुराना अनुभव है , हरबंस कपूर गणेश जोशी जैसे अनुभवी और कई बार के जीते विधायकों की भी लम्बी फेरहिस्त है

लिहाज़ा त्रिवेंद्र सरकार  पुरानी बिमारी का नया इलाज़ खोजना आसान नहीं है। खैर अब खबर है तो तैयारी भी हो ही गयी होगी क्यूंकि मुख्‍यमंत्री त्रिवेंद्र  आलाकमान से हरी झंडी मिलते ही उन तीन सुपर सिलेक्टेड विधायकों  को मंत्रिमंडल में शामिल करेंगे।

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