हिंदी के प्रसिद्ध कवि मंगलेश डबराल का बुधवार शाम को निधन हो गया. उन्होंने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में आखिरी सांस ली. मंगलेश अंतिम समय में कोरोना वायरस और निमोनिया की चपेट में आने के बाद अस्पताल में भर्ती हुए थे. उनकी उम्र 72 वर्ष थी.
सांस लेने में हो रही परेशानी के चलते उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था.. बताया जा रहा है कि उनका निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलेश डबराल के निधन पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने मंगलेश डबराल के निधन को हिंदी साहित्य को एक बड़ी क्षति बताते हुए दिवंगत आत्मा की शांति व शोक संतप्त परिवार जनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है.
साहित्य अकादमी से पुरस्कृत कवि मंगलेश डबराल नवंबर के आखिरी हफ्ते से ही बीमार चल रहे थे. पहले उनका गाजियाबाद के एक अस्पताल में इलाज कराया जा रहा था. सांस लेने में परेशानी के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी. बीच में उनकी हालत में कुछ सुधार देखा गया था लेकिन वह पूरी तरह से रिकवर नहीं कर सके.
इसके बाद उन्हें उनकी सहमति से एम्स में भर्ती कराया गया, जहां उनकी तबीयत स्थिर बनी रही. बीच में उनकी तबीयत में कुछ सुधार देखा गया था, लेकिन रविवार शाम से उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. यहां उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था. उनको बुधवार शाम को डायलिसिस के लिए ले जाया जा रहा था कि तभी उनको दिल के दो दौरे पड़े. उनको बचाने की आखिरी समय तक कोशिश की गई, लेकिन बचाया नहीं जा सका.