The Kerala Story: पश्चिम बंगाल सरकार के फैसले को मेकर्स ने दी चुनौती, शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई
सुदीप्तो सेन की हाल ही में रिलीज हुई फिल्म द केरला स्टोरी पर विवाद बढ़ता जा रहा है। फिल्म में अदा शर्मा मुख्य भूमिका में हैं ।एक तरफ जहां अदा की एक्टिंग की खूब तारीफ की जा रही है, तो वहीं फिल्म ने पर्दे पर रिकॉर्ड तोड़कर बाकी सारी फिल्मों को पीछे छोड़ दिया है। बीते दिनों में लोगों ने सलमान खान की ‘किसी का भाई, किसी की जान’ से ज्यादा इस फिल्म को तवज्जो दी। उत्तराखंड और मध्य प्रदेश जैसे कईं राज्यों में इस फिल्म को टैक्स फ्री किया गया है तो वहीं पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में इसे बैन कर दिया गया है। फिल्म के निर्माताओं ने अब पश्चिम बंगाल सरकार के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसे लेकर शीर्ष कोर्ट राजी हो गया है। फिल्म को लेकर शुक्रवार को सुनवाई होगी।
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ‘द केरल स्टोरी’ के निर्माताओं के द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें फिल्म की स्क्रीनिंग पर पश्चिम बंगाल सरकार और तमिलनाडु के थिएटर मालिकों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को चुनौती दी गई है। फिल्म के निर्माताओं ‘सनशाइन पिक्चर्स प्राइवेट लिमेटेड और विपुल शाह’ की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि निर्माताओं को हर दिन नुकसान हो रहा है।
क्या है फिल्म से जुड़ा विवाद?
द केरल स्टोरी को लेकर लगातार विवाद जारी है। एक ओर जहां पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फिल्म को बैन कर दिया तो वहीं तमिलनाडु में फिल्म की स्क्रीनिंग पर रोक लगा दी गई है। बता दें कि फिल्म में एक हिंदू लड़की शालिना उन्नीकृष्णनन की कहानी दिखाई गई है, जिसे साजिशन लव जेहाद के तहत इस्लाम कबूल कराकर आईएसआईएस (ISIS) में शामिल होने अफगानिस्तान भेज दिया गया। फिल्म में दिखाया गया है कि शालिनी की ही तरह केरल से 32 हजार लड़कियों को लव जेहाद का शिकार बनाकर इस्लामिक आतंकवादी संगठनों का हिस्सा बनने के लिए भेजा गया।
5 मई को कर्नाटक के बेल्लारी में चुनाव प्रचार करते हुए पीएम मोदी ने भी लोगों से फिल्म को देखने की अपील की। पीएम ने कहा कि फिल्म आतंकवाद और लव जेहाद जैसे मुद्दों पर कटाक्ष करती है। इसके बाद उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे भाजपा शासित प्रदेशों में फिल्म को टैक्स फ्री कर दिया गया। वहीं, कुछ मुस्लिम लोगों और संगठनों का कहना है कि फिल्म पूरे मुस्लिम समुदाय को बदनाम करती है।