Saturday, July 27, 2024
उत्तराखंड

उत्तराखंड के निकायों में बढ़ सकता है प्रशासकों का कार्यकाल, निकाय चुनाव में फिर होगी देरी

पिछले साल दिसंबर में उत्तराखंड के नगर निकायों का कार्यकाल पूरा होने के बाद प्रशासक तैनात कर दिये गये थे।
एक्ट के हिसाब से प्रशासक केवल छह माह तक तैनात किये जा सकते हैं, जिनका कार्यकाल दो जून को समाप्त हो रहा है।
लेकिन लोकसभा चुनाव की आचार संहिता छह जून तक लागू है। लिहाजा, निकाय चुनाव को लेकर सरकार इससे पहले कोई घोषणा नहीं कर सकती।
आचार संहिता खत्म होने के बाद भी अगर सरकार 7 जून को निकाय चुनाव का कार्यक्रम घोषित करती है तब भी ओबीसी आरक्षण, निकायों में परिसीमन, पदों का आरक्षण जारी करने में कम से कम दो माह का वक्त लगेगा। शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने जो बात कही है उससे साफ है कि चुनाव सितंबर से पहले किसी हालत में नहीं हो सकते।
इधर चुनाव एक बार फिर पीछे खिसकने की नौबत आ गई है लिहाजा कांग्रेस सरकार पर हमलावर हो गई है। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा सरकार जानबूझकर निकाय चुनावों को पीछे करना चाहती है।
सरकार के सामने सबसे बड़ी मुसीबत ये कि अब उसे प्रशासकों का कार्यकाल हर हाल में बढ़ाना होगा लेकिन एक्ट कहता है कि छह माह से अधिक प्रशासक निकायों में नहीं बिठाये जा सकते, लिहाजा आचार संहिता का हवाला देते हुये सरकार प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ा सकती है इसके लिये विधिक राय ली जा रही है।

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