तो इस वजह से हटाये गये मदन कौशिक, पहाड़ के कार्यकर्ताओं के दिल में भी नहीं बना पाये जगह
भाजपा हाईकमान ने कद्दावर और अनुभवी नेता माने जाने वाले मदन कौशिक की छुट्टी कर उत्तराखण्ड संगठन की जिम्मेदारी अपने युवा नेता महेन्द्र भट्ट को सौंप दी है। महेन्द्र भट्ट बद्रीनाथ और नन्दप्रयाग विधानसभा के विधायक भी रह चुके हैं। उत्तराखंड भारतीय युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। विभिन्न प्रदेशों में भाजपा के चुनाव प्रभारी का दायित्व भी रहा है। मदन कौशिक को हटाने के कई कारण गिनाये जा रहे हैं। मदन कौशिक का कद और अनुभव दोनों ही संगठन के काम नहीं आ पा रहा था। उन्हें भाजपा की पिछली सरकार में तत्कालीन सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत के हटने के बाद बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। पार्टी ने उन्हें अध्यक्ष के तौर पर आगामी निकाय चुनाव तक की भी जिम्मेदारी नहीं लेने दी और उससे पहले ही उन्हें हटा दिया गया। लोक सभा चुनाव से पहले महेन्द्र भट्ट की प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर ताजपोशी करना भाजपा में बड़ा फेरबदल है। ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर मदन कौशिक को बीजेपी आला कमान ने अचानक क्यों पद से हटाया? क्या मदन कौशिक को वापस कैबिनेट में जगह मिलने जा रही है।
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक मदन कौशिक के संगठन की कमान संभालने के बाद से ही पार्टी का आम कार्यकर्ता नाखुश था। ये नाराजगी इसलिये नहीं थी कि मदन कौशिक योग्य नहीं है संगठनात्मक कार्य कुशलता में मदन कौशिक का कोई सानी नहीं। मगर हरिद्वार भाजपा के नेताओं की नाराजगी और उनका तराई से होना उनके खिलाफ होता चला गया। विधानसभा चुनाव के वक्त ही पूर्व विधायक संजय गुप्ता ने तो अपनी हार के लिये मदन कौशिक को ही जिम्मेदार ठहरा दिया था। एक के बाद एक नेता उनके खिलाफ घेरा बंदी कर रहे थे। हरिद्वार भलेही गढ़वाल मंडल में हो लेकिन पहाड़ के कार्यकर्ता उन्हें अपना नहीं मान पाये। ऐसे में आगामी निकाय चुनाव और उसके बाद लोक सभा चुनाव को देखते हुये भाजपा ने गढ़वाल पहाड़ के ब्रहामण चेहरे को जिम्मेदारी सौंपकर क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण साधने की कोशिश की है। बताया जा रहा है कि सीएम पुष्कर सिंह धामी जल्द ही कैबिनेट विस्तार करने जा रहे हैं और इसमें मदन कौशिक की सरकार में वापसी हो सकती है।