आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय भट्ट ने अपनी ही पार्टी पर गढ़वालियों के साथ भेदभाव करने का गंभीर आरोप लगाया है। संजय भट्ट ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने गढ़वाल मंडल में स्थित देहरादून शहर में सभी 6 सीटों पर एक भी गढ़वाली को प्रत्याशी नहीं बनाया है। देहरादून जनपद की सभी विधानसभा सीटों पर करीब 40 से 70% तक गढ़वाली जनसंख्या है, इस आधार पर आप पार्टी को भी दून शहर में 3 से 4 गढ़वालियों को विधानसभा टिकट देना चाहिए था। लेकिन पार्टी ने ऐसा नहीं किया जिससे नाराज होकर वह आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं उनके साथ पार्टी के कई अन्य पदाधिकारी भी अपना इस्तीफा दे रहे हैं। इसके साथ ही संजय भट्ट ने कहा कि हर समुदाय का वर्ग अपना प्रतिनिधित्व चाहता है और मांगता भी है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट तो पूर्वी उत्तर प्रदेश में मौर्य इसी बात को लेकर जद्दोजहद करते देखे जाते हैं। यही नहीं सोशल इंजीनियरिंग के इसी फॉर्मूले से कई प्रदेशों में सरकारें आई और गई वहीं उत्तराखण्ड में बीजेपी ने 8 महिलाओं को टिकट देकर उत्तराखण्ड निर्माण करने वाली मातृशक्ति का सम्मान किया, तो कांग्रेस व आप पार्टी ने मात्र 5-5 महिलाओं को ही टिकट दिया, जो कि उत्तराखण्ड की मातृशक्ति का अपमान है।