योग दिवस से सबको मुफ्त वैक्सीन….जानिए पीएम मोदी की सारी घोषणाएं …..
दिल्ली- आज यानि सोमवार शाम 5 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को सम्बोधित किया। अपने सम्बोधन के दौरान पीएम मोदी ने आज एक बड़ी घोषणा करते हुए भारत के हर नागरिक को मुफ्त कोरोना वैक्सीन देने की बात है। साथ ही कोरोना महामारी के दौरान बदहाल व्यवस्था का आरोप झेल रही केन्द्र सरकार ने आज बड़ा निर्णय लेते हुए राज्यों से सारे अधिकारी छीन कर अपने पास रख लिये हैं। जिसके तहत योग दिवस यानि आगामी 21 जून से कोरोना से निपटने की सारी व्यवस्थाएं दोबारा केन्द्र के हाथ में चली जाएंगी। बता दें, अब तक केन्द्र ने राज्यों को इसका जिम्मा सौंपा था।
कोरोना की दूसरी लहर के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुये तीन बड़ी घोषणाएं की हैं –
देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री की पहली बड़ी घोषणा- देश के हर नागरिक को केन्द्र सरकार मुफ्त कोरोना वैक्सीन देगी। इसमें 18 प्लस वाले सभी नागरिकों को शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में बनने वाली 25 प्रतिशत कोरोना वैक्सीन प्राइवेट अस्पतालों के लिये आरक्षित की गई है। यदि अस्पताल चाहें तो वैक्सीन खरीदकर लोगों को दे सकते हैं। लेकिन वैक्सीन की निर्धारित कीमत के उपर केवल 150 रूपये का ही सरचार्ज लगाना होगा।
प्रधानमंत्री की दूसरी बड़ी घोषणा- 21 जून से कोरोना महामारी से निपटने का पूरा जिम्मा केन्द्र सरकार के हाथ में चला जाएगा। राज्यों से यह जिम्मेदारी छीन ली गई। अब केन्द्र सरकार ही पूरे देश में कोरोना से निपटने के लिये अपने नियम लागू करेगी। अब तक राज्य अपने अपने यहां कोरोना महामारी को लेकर नियम-कानून लागू कर रहे थे। लेकिन अब केन्द्र सरकार अपने स्तर से हर राज्य में कोरोना से जुड़ी एसओपी लागू करेगी।
प्रधानमंत्री की तीसरी बड़ी घोषणा- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत दीपावली तक भारत के हर गरीब व्यक्ति को केन्द्र सरकार हर महीने तय मात्रा में मुफ्त राशन देगी। फिलहाल यह व्यवस्था जून माह तक ही लागू थी। जिसका अब समय बढ़ा दिया गया है।
अपनी इन घोषणाओं से पहले प्रधानमंत्री ने सिलसिलेवार कोरोना महामारी से निपटने के लिये उठाये गये कदमों की जानकारी दी। पीएम ने कहा कि पिछले साल केन्द्र सरकार पर दबाव डाला गया कि कोरोना को लेकर राज्यों को भी अधिकार मिलने चाहिए। ताकि राज्य अपने हिसाब से अपने प्रदेश में कोरोना के नियम कायदे लागू कर पाएं। पीएम ने कहा कि वैक्सीनेशन के लिये भी केन्द्र पर आरोप लगाया गया कि सब कुछ केन्द्र सरकार ही कैसे तय कर सकती है। जबकि संविधान में स्वास्थ्य का विषय राज्यों के जिम्मे है। इसके बाद ही केन्द्र सरकार ने राज्यों को यह अधिकार दिया था कि वे अपने राज्य में कोरोना से निपटने के इंतजाम खुद तय करें और वैक्सीनेशन भी करवाएं। प्रधानमंत्री ने कहा कि कि लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के बाद जब वैक्सीन आदि की समस्या सामने आई तो राज्यों ने अपना सुर बदल लिया है। लगातार केन्द्र पर इस बात का दबाव है कि केन्द्र ही पूरी व्यवस्था देखे। जिसके बाद केन्द्र सरकार ने निर्णय लिया है कि अब आगे से केन्द्र ही पूरे देश में कोरोना को लेकर गाइड लाइन जारी करेगी और देश के हर नागरिक को मुफ्त में वैक्सीन भी दी जाएगी।