भयंकर बीमारी से जूझ रहा है नित्यानंद, श्रीलंका सरकार को भेजा पत्र
एक कुख्यात आध्यात्मिक गुरू, एक फर्जी बाबा जो भारत का है मोस्ट वांटेड। जिसने समंदर के बीच एक द्वीप पर कब्जा कर बना लिया खुद का अलग देश। जिस पर दुष्कर्म के कई संगीन आरोप हैं। स्वयंभू आध्यात्मिक नेता नित्यानंद। नित्यानंद एक बार फिर चर्चाओं में है। चर्चा इसलिये क्योंकि उसकी हालत बेहद खस्ता हो चुकी है। वो इतना बीमार है कि अगर समय पर इलाज नहीं मिला तो उसकी मौत निश्चित है। अब इलाज के लिये उसने श्रीलंकाई सरकार से राजनीतिक शरण मांगी है। श्रीलंकाई सरकार ने नित्यानंद के पत्र की पुष्टि करते हुए कहा कि नित्यानंद एक गंभीर बीमारी से जूझ रहा है और उसे तत्काल इलाज मुहैया नहीं हुआ तो उसकी जान भी जा सकती है।
अब आपको बताते हैं कि आखिर ये फर्जी बाबा नित्यानंद है कौन-
नित्यानंद वो कुख्यात स्वयंभू आध्यात्मिक गुरू है जिसके कारनाम सुनते सुनते आप थक जाएंगे मगर उसकी कुकर्म खत्म नहीं होंगे। नित्यानंद का जन्म 1978 में भारत के तिरुवन्नामलाई नामक स्थान पर हुआ था। बचपन में लोग उसे ए. राजशेखरन कहते थे। जैसे-जैसे बड़ा हुआ वह ढोंग करने लगा। उसने खुद को ‘परमशिव का अवतार तक कह दिया। उसका दावा था कि उसके पास तीसरी आंख है और इस आंख से वो भविष्य भी देख सकता है। इसी तरह के दावे कर उसने अपने फॉलोअर्स की अच्छी खासी संख्या बना ली। बाद में उस पर रेप, अपहरण, मारपीट, जालसाजी समेत कई संगीन आरोप लगे। जिसके बाद वो भारत छोड़कर फरार हो गया। इसके बाद नित्यानंद ने वो किया जिसकी कल्पना भी आप नहीं कर सकते। उसने 2020 में कैरेबियाई देश इक्वाडोर के पास समुद्र में एक टापू पर अपना अलग देश बसा लिया। जिसे उसने कैलासा नाम दिया। वो इस देश का राष्ट्राध्यक्ष बन गया। उसने दावा किया कि वो अपने देश में 1 लाख हिन्दुओं को बसायेगा और उसका राष्ट्र कैलासा पूरी तरह से डिजिटल हिन्दू राष्ट्र है। यहां तक की उसने दावा कि वो अपने देश को संयुक्त राष्ट्र संघ से मान्यता भी दिलाएगा। भारत की जांच एजेंसियां अभी भी नित्यानंद की तलाश कर रही हैं।