उत्तराखण्ड भर्ती घोटाले से जुड़ी आज की सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है। सीएम पुष्कर सिंह धामी की सिफारिश के बाद विधानसभा में हुई फर्जी नियुक्तियां रद्द होने जा रही हैं। जी हां रद्द होने जा रही ये नियुक्तियां विधानसभा के दो कार्यकालों की हैं जिनमें पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में विधानसभा अध्यक्ष रहे गोविंद सिंह कुंजवाल और भाजपा की पिछली सरकार में विधानसभा अध्यक्ष रहे प्रेमचंद अग्रवाल का कार्यकाल शामिल है। इनमें 158 नियुक्तियां वर्ष 2016 में हुईं तब विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल थे। उनके बाद दिसंबर 2021 में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल में करीब 73 पदों पर नियुक्तियां दी गईं। इन नियुक्तियों में कांग्रेस और भाजपा दोनों के ही चहेतों को नौकरियां बांटी गई। नेताओं, मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, अधिकारियों, आरएसएस समेत पत्रकारों के रिश्तेदारों तक को नियुक्तियां मिली हैं। उत्तराखण्ड में यूकेएसएस एससी भर्ती घोटाले का खुलासा होने के बाद विधानसभा की नियुक्तियों पर भी सवाल खड़े हुये थे। चुकि इसमें मौजूदा भाजपा सरकार के कार्यकाल में भी फर्जी नियुक्तियां हुईं है लिहाजा इससे भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व खासा असहज हो गया है। यही कारण है कि सीएम पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी को पत्र लिख ऐसी सभी नियुक्तियों को तत्काल निरस्त करने की सिफारिश की है। सीएम ने अपने बयान में भी ये बात कही है कि वो चाहते हैं कि ऐसी सभी नियुक्तियों को रद्द किया जाना चाहिए। बताया जा रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी सोमवार को दिल्ली से देहरादून पहुंच रही हैं और देहरादून पहुंचते ही वो सबसे पहले विधानसभा के पिछले दो कार्यकाल में हुई सभी सिफारशी भर्तियों को निरस्त करने का आदेश जारी करने वाली हैं और साथ ही एक सर्वदलीय कमेटी बनाकर इस मामले पर जांच भी बिठाएंगी।
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