Tuesday, April 23, 2024
राष्ट्रीय

23 दिसंबर 2021 : राष्ट्रीय किसान दिवस, जानिए इस दिन का इतिहास और महत्व

हर साल भारत में 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती को चिन्हित करने और उनके सम्मान में लिए पूरे भारत में किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1902 को उत्तरप्रदेश, मेरठ के नूरपुर गांव में हुआ था। दरअसल चौधरी चरण सिंह एक मध्यमवर्गीय किसान परिवार में पले-बढ़े थे। हमेशा से ही किसानों को भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है। लेकिन आज यह जानना बेहद जरुरी है कि चौधरी चरण सिंह की जयंती को किसान दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है और उनका क्या योगदान रहा किसानों और कृषि को लेकर…

आपको बता दें कि चौधरी चरण सिंह नें 1962 से 1963 तक सुचेता कृपलानी के मंत्रालय में कृषि और वन मंत्री के रूप में कार्य किया था। इसके बाद 1979 से 1980 के बीच भारत के प्रधानमंत्री रहे थे। अपने इस छोटे कार्यकाल में उन्होंने देश के प्रधानमंत्री के रूप में किसानों की भलाई के लिए कड़ी मेहनत की। उन्होंने देश में कई किसान-अनुकूल भूमि सुधार नीतियों में योगदान दिया। इतना ही नहीं, उन्होंने किसानों के लिए कई योजनाएं भी शुरू की। देश के प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने किसानों को साहूकारों और उनके अत्याचारों से राहत देने के लिए 1939 में ऋण मोचन विधेयक को वापस पेश किया। किसान परिवार से होने के कारण चौधरी चरण सिंह किसानों की परेशानी और स्थिति को अच्छे से समझते थे।
उनके इस सम्मान में वर्ष 23 दिसंबर 2001 को तत्कालीन सरकार ने चरण सिंह की जयंती को किसान दिवस के रूप में नामित करने की घोषणा की थी। तब से आज तक 23 दिसंबर को किसान दिवस के रूप में मनाते है। सादा जीवन जीने वाले चौधरी चरण सिंह ने अपना अधिकांश खाली समय पढ़ने और लिखने में बिताया था। चौधरी चरण सिंह ने अपने जीवन काल में कई किताबें और पर्चे लिखे थे। कुछ उनकी प्रसिद्ध रचनाएं हैं – सहकारी खेती एक्स-रे, जमींदारी का उन्मूलन, भारत की गरीबी और इसका समाधान।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *