Friday, April 19, 2024
उत्तर प्रदेशक्राइमराष्ट्रीय

मेरठ में तेल माफियाओं के काले कारोबार की SIT जांच किसने लटकाई ?

कहाँ खो गयी मेरठ तेलकाण्ड की एसआईटी जांच रिपोर्ट ?

मिलावटी तेल के खेल में क्यों नहीं बेनकाब हुए गुनाहगार ?

गृह मंत्रालय और सीएम योगी की सख्ती पर क्या भारी पड़े माफिया ?

क्या तेल के खेल में हो चुकी  है पूरी तरह से लीपापोती ?

जनता के गुनहगार कब होंगे सलाखों के पीछे ?

बीते साल बीस अगस्त को मेरठ में पकड़े गए 2.20 लाख लीटर मिलावटी तेल और केमिकल के बड़े गोरखधंधे के खुलासे ने  उत्तर प्रदेश सरकार की योगी सरकार को भी चौंका दिया था …. पश्चिमी यूपी के इस सबसे सनसनीखेज तेल काण्ड ने

 मेरठ के कई बड़े सफेदपोश तेल माफियाओं पर जांच की तलवार लटका दी थी ….. गृह मंत्रालय ने भी सख्ती दिखाते हुए पुरे मामले में हाई लेवल एसआईटी भी बना दी थी लेकिन आज एक साल होने जा रहे हैं लेकिन हैरानी की बात है 

कि  न तो हाई लेवल एसआईटी की कोई जांच रिपोर्ट सामने आयी और न ही तेल का काला कारोबार करने वाले तेल माफियाओं पर कोई कानूनी शिकंजा ही कसा जा सका ….. जय भीम टीवी भी जनहित में इस हाईप्रोफ़ाइल तेल काण्ड को एक 

बार फिर उठा रहा है जिससे अधिकारीयों की नींद टूटे और जनता के साथ हो रहे इस धोखाधड़ी का खुलासा योगी सरकार जल्द से जल्द कर सके 

 

अब ज़रा इस पूरे तेलकाण्ड को आप हमारी इस रिपोर्ट में समझिये ….. मेरठ में क्राइम ब्रांच की टीम ने लगभग 10 महीने पहले एक ऐसे गोरखधंधे का भंडाफोड़ किया था जो नकली पेट्रोल और डीजल बनाकर लोगों की आँखों में धुल झोंक रहे थे। मेरठ पुलिस ने नकली पेट्रोल और डीजल बनाने वाले गिरोह को पकड़ा जो परतापुर और टीपी नगर के इंडस्ट्रियल एरिया में 2 फैक्ट्रियां मैं यह पूरा खेल अंजाम दे रहे थे …. नकली पेट्रोल और डीजल तैयार करने के लिए साल्वेट रंग मिलाकर पेट्रोल पंप और दुकानों पर सप्लाई किया जाता था। इस पूरे काले खेल में ऐसे कई बड़े कारोबारी शामिल बताये जा रहे थे जो आज फर्श से अर्श तक का सफर करके आज अरबों की काली कमाई पर बैठे हैं …..  इस सारे खेल में जो जांच बैठी थी जिसमें एसआईटी से लेकर केंद्र तक की जांच एजेंसियों ने जांच की थी लेकिन यह जांच ठंडे बस्ते में चली गई है जिसका 10 महीने बाद भी कोई रिजल्ट नहीं आया और अब चोरी-छिपे यह कारोबार इन कारोबारियों ने दोबारा शुरू कर दिया है।

आपको बता दें जिस वक्त मेरठ में इस काले तेल का कारोबार करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ क्राइम ब्रांच ने किया था उस वक्त इन कारोबारियों में हलचल मच गई थी। मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में भी आया …. पुलिस की उस वक़्त हुयी कार्रवाई में हांलाकि कई मुकदमे भी दर्ज हुए थे जिसमें 10 लोगों के वारंट भी निकले थे और फिर सामने आया था एक ऐसा नाम जिसने सबकों चौंका दिया था वो नाम है मेरठ के एक प्रमुख कारोबारी संजय अग्रवाल उर्फ संजय तेली जिन्होंने बड़ी होशियारी से अपनी जमानत बाहर से ही करा ली थी मेरठ के बाज़ारों में ये बात भी काफी सुर्ख़ियों में रही कि यही वो नाम है जिसने इस पूरे गिरोह का लीड किया है और आज संजय तेली ने इसी काले तेल के खेल से मेरठ का नामचीन स्कूल दा अध्ययन बनाया है जो करोड़ों रुपए की जमीन पर बना है

मेरठ में मिलावटी पेट्रोल डीजल के कारोबार के खुलासे के बाद पुलिस प्रशासन और एसआईटी और जिला प्रशासन ने संयुक्त रूप से आगे की कार्यवाही करते हुए तेल माफिया के यहां से 70 हजार लीटर तेल भी जप्त किया था  गजब का संयोग है कि अब तक तेल के काले कारोबार में छोटे नाम ही सामने आ रहे थे लेकिन इस तेल डिपो की छापेमारी के बाद जब तेल का ज़खीरा बरामद हुआ तो तेल व्यापारियों के साथ साथ शासन प्रशासन में भी खलबली मच गयी थी…

 

मेरठ में हुए बहुचर्चित तेल के खेल में 10 महीने बाद भी अभी कोई रिजल्ट निकल कर सामने नहीं आया और जांच ठंडे बस्ते में चली गई जबकि यह काले तेल का काला कारोबार करने वाले संजय तेली और धनेंद्र जैन जैसे लोग आज भी चैन की सांस ले रहे हैं जबकि इन्होंने नकली पेट्रोल और डीजल बनाकर जनता की जेब पर डाका डाला जिस पर इन पर कार्यवाही तो हुई लेकिन वह सिर्फ दिखावे के लिए आखिर संजय तेली कैसे इस काले तेल के कारोबार से इतना बड़ा कारोबारी बन गया इसके बाद उसने करोड़ों रुपए की जमीन पर एक स्कूल भी बना डाला…..

आखिर कब इस पुरे तेल काण्ड का खुलासा होगा। … आखिर कब तक माफियाओं पर योगी सरकार का कानूनी डंडा चलेगा और आखिर कब मेरठ की भोलाभाली जनता को इस भ्रष्टाचार के चक्रव्यूह से मुक्ति मिलेगी ये बहुत बड़ा सवाल है जिसका जवाब जय भीम टीवी जीरो टॉलरेंस की योगी सरकार से पूछ रहा है 

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