महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी बोले, ‘विपक्ष के नेताओं से भी सीख ली जा सकती है’
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने राजनीतिक गुरू महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को लेकर कई अनसुने और दिलचस्प किस्से उजागर किये हैं। मौका था महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के लोकसभा और राज्यसभा में हुये भाषाणों पर आधारित पुस्तक परिचर्चा के कार्यक्रम का। सीएम धामी ने भगत सिंह कोश्यारी के सामने मंच से कई ऐसी बातों को उजागर किया जिन्हें सुनकर वहां बैठा हर शख्स हैरान रह गया। कई किस्सों के साथ सीएम धामी ने यह भी बताया कि कैसे एक बार भगत सिंह कोश्यारी ने उन्हें चुनाव लड़ने से रोक दिया था। जबकि कोश्यारी चाहते तो वे विधायकी का चुनाव आसानी से लड़ सकते थे। सीएम ने कहा कि वे कोश्यारी पर बेहद नाराज भी हुये थे।
शिष्य के बाद गुरू भगत सिंह कोश्यारी मंच पर बोलने आये। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भी अपने ही अंदाज में सीएम धामी और तमाम वक्ताओं को जवाब दिया। कोश्यारी ने सभी का आभार जताते हुये कहा कि इंसान को बुरे वक्त या अंधकार से घबराने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि अंधेरे के बाद प्रकाश जरूर आता है। कोश्यारी ने अपने संसदीय कार्यकाल के दौरान घटी कई कहानियां बयां की। उन्होंने बताया कि संसद में भलेही आज विपक्ष का रवैया गैर संसदीय हो मगर विपक्ष में ऐसे भी नेता हुये हैं जिनसे सीख ली जा सकती है। उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश का जिक्र करते हुये उनकी मुक्त कंठ से तारीफ की।
आपको बता दें कि चाणक्य वार्ता प्रकाशन द्वारा भगत सिंह कोश्यारी के लोकसभा, राज्यसभा में दिये गये भाषण और याचिका समिति के अध्यक्ष रहते लिये गये निर्णयों का संग्रह कर पुस्तक का प्रकाशन किया गया है। इस पुस्तक को भारतीय संसद में भगत सिंह कोश्यारी का नाम दिया गया है।