सालों बाद फिर चर्चा में मधुमिता शुक्ला हत्याकाण्ड, मधुमणि त्रिपाठी ने दायर की जमानत याचिका
मधुमिता शुक्ला हत्याकांड का जिन्न सालों बाद फिर एक बार बोतल से बाहर आ है। जी हां इस हत्याकाण्ड में आजीवन कारावास की सजा काट रही मधुमणि त्रिपाठी ने कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की है। नैनीताल हाई कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में मधुमणि त्रिपाठी ने जमानत दिये जाने की मांग की है। नैनीताल हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुये उत्तराखण्ड सरकार से जवाब मांगा है। 28 अक्टूबर को इस मामले पर अगली सुनवाई होनी है। मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में मधुमणि त्रिपाठी के साथ उनके पति पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी भी जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।
दरअसल अमरमणि की पत्नी मधुमणि ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा कि उसे जमानत दी जाए क्योंकि वो 18 सालों से जेल में हैं। और इस दौरान उसका आचरण ठीक रहा है। हाईकोर्ट को मधुमणि ने बताया कि सज़ा को माफ करने के लिए उसने इसी साल एक अपील गृह सचिव उत्तराखण्ड और राज्यपाल को की है। हालांकि उत्तराखण्ड सरकार ने इस अपील पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया है।
यूपी के लखीमपुर खीरी की कवयित्री मधुमिता शुक्ला की 9 मई 2003 को लखनऊ स्थित पेपर मिल कॉलोनी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्या का आरोप तत्कालीन सरकार में मंत्री रहे अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि पर लगा था. उस वक्त मधुमिता गर्भवती थी. बाद में जांच के दौरान डीएनए से पता चला कि उसके गर्भ में पल रहे बच्चे के पिता अमरमणि थे. मधुमिता के परिजनों के आग्रह पर इस हत्याकांड की सुनवाई सीबीआई के विशेष जज ने देहरादून में की थी, जहां 24 अक्टूबर 2007 को हत्या के दोषी अमरमणि त्रिपाठी, पत्नी मधुमणि त्रिपाठी, उनके भतीजे, हत्या करने वाले दोनों शूटरों को उम्र कैद की सजा हुई थी।