भारत के पहले सीडीएस स्व.विपिन रावत के नाम से जाना जाएगा लैंसडौन
उत्तराखंड का खूबसूरत और एतिहासिक सैन्य छावनी वाला इलाका लैंसडौन अब पौड़ी के मूल निवासी और भारतीय सेना के पूर्व सेनाध्यक्ष, पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ स्व जनरल विपिन रावत के नाम से जाना जाएगा। बीते दिन राजकीय डिग्री कॉलेज चौबट्टाखाल के प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसका एलान किया है। सीएम ने कहा है कि जनरल बिपिन रावत गढ़वाल ही नहीं बल्कि पूरे देश का गौरव थे। उनके नाम पर लैंसडौन का नाम रखने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। इससे पहले पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने लैंसडौन का नाम देश के प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखने का सुझाव दिया था। जिसे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वीकार कर लिया है।
आपको बता दें कि पौड़ी जिले के खूबसूरत हिल स्टेशन लैंसडाउन को अंग्रेजों ने साल 1887 में बसाया था। उस समय के वायसराय ऑफ इंडिया लॉर्ड लैंसडाउन के नाम पर ही इसका नाम रखा गया। वैसे, इसका वास्तविक नाम कालूडांडा है। ये पूरा क्षेत्र सेना के अधीन है और गढ़वाल राइफल्स का गढ़ भी है। गढ़वाल राइफल का मुख्यालय भी यहीं मौजूद है। स्व.विपिन रावत भी पौड़ी के ही रहने वाले थे लिहाजा देश के इस जाबांज सैन्य अधिकारी को सच्ची श्रद्धांजलि देते हुये अब उत्तराखंड सरकार ने लैंसडौन का नाम उन्हीं के नाम पर रखने का निर्णय लिया है। केन्द्र से प्रस्ताव को जल्द स्वीकृति मिलने की उम्मीद है इसके बाद लैंसडौन जनरल विपिन रावत नगर कहलाएगा।