Friday, May 3, 2024
उत्तराखंड

नहीं रहे केदारनाथ के विख्यात वेदपाठी मृत्युंजय हिरेमठ, 31 वर्ष की उम्र में हार्ट अटैक हुआ निधन

केदारनाथ धाम के युवा वेदपाठी शैव श्री मृत्युंजय हिरेमठ नहीं रहे। 31 वर्ष की आयु में हार्ट अटैक से उनका निधन हो गया है। इस खबर के मिलते ही देश और दुनिया में उनके चाहने वालों को गहरा सदमा लगा है। मृत्युंजय हिरेमठ अपनी सुमधुर आवाज में बाबा केदार के भजन, आरती और वेद स्तुति किया करते थे। उनके भजन न केवल भारत में रहने वाले शिव भक्तों को बल्कि देश से बाहर भी पंसद किये जाते थे।
दो साल पहले मृत्युंजय हिरेमठ ने केदारनाथ परिसर में शिव की स्तुति में द्वादस जोर्तिलिंगों पर गाई सौराष्ट्रदेशे…. स्तुति दुनियाभर में वायरल हो गई। और रातों रात मृत्युंजय हिरेमठ लोकप्रिय हो गये। केदारनाथ आने वाले भक्तों की आंखें बाबा केदार की पूजा के बाद हर ओर हिरेमठ को ही तलाशती थीं।
केदानाथ के रावल १०८ श्री गुरु लिंग जी महाराज के चार पुत्रों में सबसे छोटे पुत्र मृत्युंजय हीरेमठ थे, वो केदारनाथ धाम और ओंकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ में वेदपाठी के पद पर कार्यरत थे। ओमकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से हर रोज उनकी मुधर स्वर में शिव भक्ति आरती शुरू होती थी और इसकी गूंज पूरे गुप्तकांशी और आसपास के क्षेत्र में होती थी। भावविभोर करने वाली ये मधुर आवाज अब हमेशा के लिये बाबा केदार के श्री चरणों में खामोश हो गई है। बीते दिन वोट डालने के बाद वो लौटकर घर आये और अचानक उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनकी मृत्यु हो गईं। ऊखीमठ में शैव परम्परा के अनुसार इस ज्ञानी शिवभक्त को समाधि दी जायेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *