भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 41 साल बाद जीता मेडल, टोक्यो ओलम्पिक में रचा इतिहास
-आकांक्षा थापा
भारत के लिए टोक्यो ओलम्पिक से एक बड़ी खबर आ रही है। जी हाँ, भारत की पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो ओलम्पिक 2020 में इतिहास रच दिया है। आपको बता दें, भारतीय हॉकी टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए जर्मनी को 5-4 के अंतर से हराकर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर लिया है… ख़ास बात ये है की भारत ने पूरे 41 साल बाद ओलंपिक में हॉकी का मेडल जीता है… इस से पहले भारत ने वासुदेवन भास्करन की कप्तानी में 1980 के मॉस्को ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता था. भारत के लिए सिमरनजीत सिंह ने दो, हरमनप्रीत सिंह, रुपिंदर पाल सिंह और हार्दिक सिंह ने एक-एक गोल कर इस मैच में टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई… फिलहाल की मौजूदा वर्ल्ड रैंकिंग में तीसरे स्थान पर थी टीम, भारत ने इस मुकाबले में खराब शुरुआत की और जर्मनी ने मैच के पहले मिनट में ही गोल कर 0-1 बढ़त बना ली। जर्मनी की ओर से तिमुर ओरुज ने ये गोल किया. भारत को पांचवे मिनट में वापसी का मौका मिला लेकिन रुपिंदर पाल सिंह पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील करने में नाकाम रहे… पहले क्वॉर्टर खत्म होने के बाद भारत पर जर्मनी ने 0-1 की बढ़त बनाए रखी। हालांकि भारत के गोलकीपर श्रीजेश ने इस क्वॉर्टर में कुछ शानदार बचाव किए…
साल 2021 से पहले भारत की हॉकी टीम ने 1980 में अपना आखिरी मेडल जीता था… उस साल कप्तान वासुदेवन भास्करन की अगुवाई में भारत ने गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया था.. . जिसके बाद से लेकर अब तक का भारत का सबसे अच्छा प्रदर्शन 1984 के लॉस एंजेलिस ओलंपिक में आया था… जहाँ पुरुष हॉकी टीम पांचवें स्थान पर रही थी। अब इस जीत के साथ ही 41 साल बाद भारत ने ओलंपिक हॉकी में अपने पदक का सूखा समाप्त कर लिया है।