Friday, April 26, 2024
राष्ट्रीय

संविधान दिवस : आज के दिन अपनाया गया था भारतीय संविधान

एक संविधान  किसी भी देश में शासन के लिए आधार प्रदान करता हैं। किसी भी देश को सही तरीके से चलाने के लिए संविधान की जरूरत पड़ती है … संविधान उन आदर्शों को सूत्रबद्ध करता है, जिसे हम अपने देश को अपनी इच्छा और सपनों के अनुसार रच सकें। यही नहीं, संविधान नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा भी करता है।  यही कारण है की भारतीय नागरिकों के लिए 26 नवंबर का दिन बेहद ही खास होता हैं क्यूँकि इस दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता हैं… वहीं 26 नवंबर को राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में भी जाना जाता है… भारत में  26 नवंबर 1948 के दिन संविधान को अपनाया गया था, लेकिन संविधान को 26 नवंबर 1949 के दिन से लागू किया गया। भारत का संविधान देश के हर नागरिक को आजाद भारत में रहने का समान अधिकार देता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य देश के युवाओं के बीच में संविधान के मूल्यों को बढ़ावा देना व जागरूकता फैलाना है। एक भारतीय के लिए संविधान बेहद ही महत्वपूर्ण है, दरअसल यही वह दिन था जब से सभी भारतवासियों को एक आजाद देश का आजाद नागरिक की भावना का एहसास हुआ था । जहां संविधान के दिए मौलिक अधिकार हम सभी की ढाल बनकर हमें हमारा हक दिलाते हैं, वहीं इसमें दिए मौलिक कर्तव्य में हमें हमारी जिम्मेदारियां भी याद दिलाते हैं।

आपको बता दें कि भारत का संविधान बनाने में डॉ॰ भीमराव राव आम्बेडकर की अहम भूमिका रही  हैं। भारत के प्रथम कानून मंत्री डॉ॰ भीमराव राव आम्बेडकर को 1947 में संविधान मसौदा समिति के रूप में नियुक्त किया गया इसके साथ ही उन्हें देश के नए संविधान लिखने की जिम्मेदारी दी थी।

बता दें की भारतीय संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है। इसके कई हिस्से यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, जर्मनी, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और जापान के संविधान से लिये गये हैं। इसमें देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों, कर्तव्यों, सरकार की भूमिका, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री की शक्तियों का वर्णन किया गया है। कार्यपालिका और न्यायपालिका का क्या काम है, उनकी देश को चलाने में क्या भूमिका है, इन सभी बातों का जिक्र संविधान में किया गया है। भारत के इस अनोखे संविधान की रचना में पूरे 2 वर्ष, 11 माह 18 दिन लगे थे। यह 26 नवंबर,1949 को पूरा हुआ था। संविधान की असली कॉपी प्रेम बिहारी नारायण रायजादा द्वारा लिखी गई थी। बेहतरीन कैलीग्राफी के जरिए इटैलिक अक्षरों में लिखी गई है। संविधान को हिंदी और इंग्लिश दो भाषाओं में लिखा गया था। जिसे आज भी  भारत की संसद में हीलियम भरे डिब्बों में सुरक्षित तरीके से रखा गया है।

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