देशभर में शिक्षा प्रदर्शन श्रेणी सूचकांक (परफारमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स) में उत्तराखंड ने एक बार फिर से पीछे से तीसरे स्थान प्राप्त किया है। इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद प्रदेश में स्कूली शिक्षा की पोल पूरी तरह से खुल गई है।37 राज्यों में उत्तराखंड का 35वां स्थान है। परिणामस्वरूप देशभर में आईटी सेक्टर का स्थान सभी पर भारी रहा। मंत्रालय की ओर से जारी सूची में केरल, महाराष्ट्र और पंजाब 1000 अंकों के स्कोर में 928 अंक पाकर पहले स्थान पर हैं वहीं 927 अंकों के साथ चंडीगढ़ दूसरे और 903 अंकों के साथ गुजरात तीसरे नंबर पर है। उत्तराखंड को 1000 अंकों में से 719 अंक प्राप्त हुए हैं, जबकि उत्तराखंड से पीछे केवल मेघालय और अरुणाचल प्रदेश ही हैं। जिला और राज्य स्तर पर स्कूली शिक्षा की ये सूचि बताती है कि बीते चार वर्षों में उत्तराखंड में स्कूली शिक्षा का स्तर कभी भी ऊपर नहीं उठ पाया है। पहाड़ों में शिक्षा विभाग इंटरनेट की सुविधा न होने का बहाना बनाकर अपना बचाव करती रहती है। लेकिन अब शिक्षा विभाग के अधिकारियों के पास बताने के लिए कुछ खास नहीं है। स्कूली शिक्षा का गिरता स्तर शासन की कमी और रवैये का परिणाम है। उत्तराखंड को एक बार फिर से गहराई के साथ इन खराब परिणामों को बेहतर बनाने के बारे में सोचना चाहिए।