Thursday, October 10, 2024
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Interview – जय भारत टीवी मुख्यालय पहुंचे आप प्रभारी दिनेश मोहनिया – तीखे सवालों से हुआ सामना 

 

जबसे आप के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उत्तराखंड में सियासत की झाड़ू चलाने का एलान किया है एक अजीब सी हरकत पहाड़ की सियासत में होने लगी है। दो किनारों तक सिमटी देवभूमि की राजनीति में जैसे हलचल सी उठ गयी है। इस हलचल और हड़कम्प को बेशक दिल्ली में बैठे केजरीवाल भी खूब महसूस कर रहे होंगे तभी तो अचानक एलान हुआ और बीते कुछ दिनों में ही  आप के कार्यकर्ता  उत्तराखंड के लोकल मुद्दों पर झंडिया बैनर लेकर विरोध और प्रदर्शन करने कूद पड़े हैं। इसी बीच आप पर कई सवाल भी विपक्षियों ने खड़े किये हैं। मौकापरस्त , मुफ्तखोरी के समर्थक और खरीदफरोख्त करने वाले का तमगा भी आम आदमी पार्टी को उत्तराखंड में आते ही मिल गया है।

एक और बड़ी सच्चाई ये भी है की अभी आप की झोली में अभी न कार्यकर्ता हैं न कोई स्थानीय बड़ा नेता है और न ही वो तेज़ धार वाला कोई चेहरा जिसके सहारे केज्रिवात की पार्टी पहाड़ में दिग्गज विपक्षियों का मुकाबला कर सकें। हांलाकि केजरीवाल को दिल्ली वाले तिलस्मी जादू के उत्तराखंड में चलने का पूरा भरोसा है तभी तो उन्होने बड़ी साफगोई से कहा है कि उत्तराखंड में जनता ही संगठन बनाएगी , नेता आम जनता के बीच से उभरेंगे और पार्टी को चन्दा भी जनता ही देगी। यानि न कोई नेता इम्पोर्ट किया जाएगा और न ही भाजपा कांग्रेस के नेताओं को अचानक पैराशूट से उतारा जायेगा …. इसी बीच प्रदेश में आप प्रभारी और विधायक दिनेश मोहनियां देहरादून पहुंचे और ताबड़तोड़ बैठकें और मुलाकातो का सिलसिला शुरू कर चुके हैं। इसी व्यस्तता के बीच प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनियां जय भारत टीवी के मुख्यालय पहुंचे जहाँ उन्होंने स्टूडियो की चकाचौंध के बीच प्रदेश में पार्टी के गेम प्लान पर कई तीखे सवालों और उन पर लगते आरोपों का सिलसिलेवार जवाब दिया है। 

जय भारत टीवी के सम्पादकीय सलाहकार मोहम्मद सलीम सैफ़ी के साथ दिनेश मोहनियां के साक्षात्कार की कुछ ख़ास बातों पर एक नज़र डालते हैं – 

सवाल नंबर  1 —   उत्तराखंड में आप के उस सर्वे को काल्पनिक और फ़र्ज़ी बताया जा रहा है आरोप है कि सत्ता की लालच में आज उसका ज़िक्र खुद केजरीवाल भी कर रहे हैं ?

दिनेश मोहनिया का जवाब —  आम आदमी पार्टी ने जिस सर्वे को कराया उसमें 62 फीसदी उत्तराखंड की जनता ने हमारा समर्थन किया फिर एक चैनल ने भी वैसा ही सर्वे किया जिसमें 63 फीसद जनता का समर्थन आम आदमी पार्टी को मिलता दिखाया गया है ,  आम आदमी के नाम से बनी पार्टी में जो भी फैसले होते हैं वो जनता की मर्ज़ी से होता है।  आम आदमी की आइडिओलॉजी ही आप की आइडिओलॉजी है। जनता चाहती है इसलिए हमने पहाड़ में 70 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू की है। 

सवाल नंबर 2 – आम आदमी पार्टी पर आरोप लगता है कि वो सत्ता की लालची है और पहाड़ की भोलीभाली जनता को बहकाने का काम कर रहे हैं क्या ये आरोप सही नहीं है ?

दिनेश मोहनिया का जवाब – देश की राजनीति में आप पहली पार्टी है जो काम की राजनीति करती है। उत्तराखंड में आज बिजली पानी रोजगार पलायन पर हम बात करने आये हैं तो क्यों नहीं इन मुद्द्दों पर बात होनी चाहिए ? हमको लगता है जनता का भी यही मूड है की जिन मुद्दों पर हमने दिल्ली में काम करके दिखाया है वही रिजल्ट उत्तराखंड में भी सामने आना चाहिए। जिसके लिए आप पार्टी पहाड़ में काम करने आ गयी है।

सवाल नंबर 3 – आप पर आरोप है कि आप जनता को मुफ्तखोर बना रहे हैं , बिजली पानी के नाम पर मुफ्त की ये सियासत आपको हमेशा सवालों में क्यों खड़ा करती है ?

दिनेश मोहनिया का जवाब – नेताओं को अगर मुफ्त बिजली पानी मिलती है तो आप क्यों नहीं उनको मुफ्तखोर बोलते हैं ? जनता के पैसे का सही इस्तेमाल करके उन्हें ही वापस फ्री सुविधाएं देकर लौटा रहे हैं तो क्या गलत है। गुजरात के मुख्यमंत्री करोड़ों का हेलीकॉप्टर खरीद सकते हैं जनता के पैसे से और हम मुफ्त बिजली पानी दें तो सवाल उठाते हो आप लोग 

सवाल नंबर 4 – आम आदमी पार्टी के लोग मीडिया पर अक्सर सवाल उठाते हैं ? उत्तराखंड में भी मीडिया के लिए क्या आपकी यही राय कायम है ?

दिनेश मोहनिया का जवाब – दिल्ली में तो हमने नया शब्द खूब सुना है गोदी मीडिया लेकिन उत्तराखंड में शायद त्रिवेंद्र मीडिया काम कर रही है। क्यूंकि कोरोना संकट हो या सामान्य हालात स्कूलों की दुर्दशा और जनरल अस्पतालों की बदहाल हकीकत ….. क्यों दून अस्पताल हो या पहाड़ के अस्पताल ,  आम आदमी का इलाज़ हो या गर्भवती महिलाओं की जान से होने वाला खिलवाड़ ,  सच्चाई सामने क्यों नहीं आती है ? मीडिया खामोश रहती है , हमारे साथ मीडिया का कैमरा लेकर चलिए और लाइव टेलीकास्ट कीजिये सारी सच्चाई अभी जनता के सामने आ जाएगी। 

सवाल नंबर 5 – रोज़गार पलायन और शिक्षा पर उत्तराखंड की सभी योजनाएं आपको बेकार ही क्यों लगती है ? क्या पहाड़ में सरकारों ने कोई काम किया ही नहीं है ?

दिनेश मोहनिया का जवाब – 20 साल से उत्तराखंड में पलायन सबसे बड़ी समस्या बनी हुयी है , शिक्षा का हाल ये है कि सरकारी स्कूलों को बंद किया जा रहा है ताकि प्राइवेट स्कूलों को फायदा पहुँचाया जा सके। हमारे दिल्ली के स्कूलों को देखिये और फिर जनता को तुलना करने दीजिये कि उनको कैसा मॉडल चाहिए , आपको भी जवाब मिल जायेगा , पलायन रोकने के लिए योजनाए बनाने की नहीं अमल में लाने की ज़रूरत है हमने दिल्ली में रिकॉर्ड नौकरियाँ दी हैं वही फार्मूला उत्तराखंड में भी लागू होगा तो रिवर्स पलायन का फायदा भी राज्य को मिलेगा। 

ये तो कुछ सवाल थे जिनका हमने यहाँ ज़िक्र किया है , पूरा इंटरव्यू आप हमारे  यूट्यूब चैनल jaibharattv पर देख सकते हैं 

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