उत्तर प्रदेश – आखिर 8 पुलिस कर्मियों की शहादत का असली गुनहगार कौन ? जांच में होगा खुलासा
देश को हिला देने वाली खुनी वारदात से उत्तर प्रदेश पुलिस की चूलें हिल गयी है क्यूंकि बीती रात एक ऐसा इनकाउंटर कानपुर में होता है जिसमें योगी सरकार के आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गए। इस मुठभेड़ में दुर्दांत अपराधी विकास दुबे घेरेबंदी को तोड़कर फरार भी हो गया …. उत्तम प्रदेश को रामराज बनाने का दावा करने वाले योगीराज में कानपुर के हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर ऐसा भयानक हमला बीते कई सालों में नहीं हुआ होगा। इस मुठभेड़ में एक सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए।
अब आपको उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को चुनौती देने वाली इस घटना के बारे में बता देते हैं। दरअसल चौबेपुर के बिकरू गांव में हिस्ट्रीशीटर बदमाश विकास दुबे को गुरुवार की आधी रात पकड़ने पुलिस टीम उसके ठिकाने पहुंची थी जहाँ बड़ी संख्या में पहले से ही दुबे के गुर्गे मौजूद थे और अपने असलहे से उन्होंने पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया। रात के अँधेरे में आसपास के घरों की छत से पुलिस पर गोलियां बरसाई गईं, इस मुठभेड़ में सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा और तीन सब इंस्पेक्टर अपने चार सिपाहियों सहित मौके पर ही शहीद हो गए। मुठभेड़ का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस हमले में सात पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनका इलाज़ कानपुर नगर के रीजेंसी अस्पताल में कराया गया है।
इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद आक्रामक रुख अपनाये है और उन्होंने कहा है की पुलिस कर्मियों की इस शहादत का बदला लिया जायेगा और उनकी कुर्बानी बेकार नहीं जाएगी। अपनी श्रद्धांजलि देने के बाद सीएम योगी ने डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी से तत्काल मौके की रिपोर्ट तलब की है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर हरकत में आ चुकीं पुलिस की एक दर्जन टीमें विकास दुबे को गिरफतार करने के लिए ताबड़तोड़ दबिश दे रही हैं।
