धनतेरस 2021: जानिए धनतेरस का शुभ मुहूर्त और पौराणिक कथा…
दीपावली के दो दिन पहले धनतेरस मनाया जाता हैं। इस दिन माँ लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर, धन्वंतरि जी और मृत्यु के देवता यमराज की पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन सोने-चांदी और घर के लिए कोई भी बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। मान्यता है इस दिन विधि-विधान से पूजा अर्चना करने से घर परिवार में सुख-समृद्धि बानी रहती हैं। पौराणिक कथा के अनुसार कार्तिक माह (पूर्णिमान्त) की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वन्तरि अमृत कलश ले कर प्रकट हुए थे, इसलिए इस अवसर पर बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। इस त्यौहार को धनतेरस या धनत्रयोदशी के नाम से जाना जाता है। भारत सरकार ने धनतेरस को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। यही नहीं, धनतेरस पर झाड़ू खरीदना बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होतीं हैं।
धनतेरस पर आंगन में दीप जलाने की पौराणिक कथा…..
धनतेरस की शाम घर के बाहर मुख्य द्वार पर और आंगन में दीप जलाने की प्रथा भी है। कथा के अनुसार किसी समय में एक राजा थे जिनका नाम हेम था। दैव कृपा से उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। ज्योंतिषियों ने जब बालक की कुण्डली बनाई तो पता चला कि बालक का विवाह जिस दिन होगा उसके ठीक चार दिन के बाद वह मृत्यु को प्राप्त होगा। राजा इस बात को जानकर बहुत दुखी हुआ और राजकुमार को ऐसी जगह पर भेज दिया जहां किसी स्त्री की परछाई भी न पड़े। दैवयोग से एक दिन एक राजकुमारी उधर से गुजरी और दोनों एक दूसरे को देखकर मोहित हो गये और उन्होंने गन्धर्व विवाह कर लिया। विवाह के पश्चात विधि का विधान सामने आया और विवाह के चार दिन बाद यमदूत उस राजकुमार के प्राण लेने आ पहुंचे। राजकुमार की पत्नी को रोता देख, यमदूत ने यमराज से कहा हे यमराज! क्या कोई ऐसा उपाय नहीं है जिससे मनुष्य अकाल मृत्यु से मुक्त हो जाए। दूत के इस प्रकार अनुरोध करने से यम देवता बोले, अकाल मृत्यु तो कर्म की गति है, इससे मुक्ति का एक आसान तरीका है – कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी रात जो प्राणी मेरे नाम से पूजन करके दीपमाला दक्षिण दिशा की ओर भेट करता है, उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है। यही कारण है कि लोग इस दिन घर से बाहर दक्षिण दिशा की ओर दीप जलाकर रखते हैं।
पूजा का शुभ मुहूरत….
इस वर्ष धनतेरस की शुरुआत 02 नवंबर 2021 में हो रही हैं आपको बता दें कि पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 06:18 से 08:11 तक है। धनतेरस पर अभिजीत मुहूर्त, गोधूलि मुहूर्त पर खरीददारी की जाती है। अभिजीत मुहूर्त- 11:42 AM से 12:26 AM तक है। गोधूलि मुहूर्त – 05:05 से 05:29 शाम तक है।
ऐसे करे श्याम की पूजा…
पूजा करते समय पंचदेव यानी भगवान सूर्य, भगवान गणेश, माता दुर्गा, भगवान शिव और भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें। धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की षोडशोपचार की पूजा करें …पूजा के अंत में सांगता सिद्धि के लिए दक्षिणा जरूर चढ़ाएं।