देवस्थानम बोर्ड पर विहिप ने किये सवाल खड़े, तीर्थ पुरोहितों को मिला विहिप का साथ
देवस्थानम बोर्ड के विरोध में चारधाम पंडा-पुरोहितों को विश्व हिंदू परिषद का भी साथ मिल गया है। विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने खुलकर तीर्थ पुरोहितों की मांग का समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि जब चर्च और मस्जिदों का संचालन सरकार नहीं करती तो हिन्दुओं के मंदिरों पर सरकारें क्यों दखल दे रही हैं। देवस्थानम बोर्ड के विरोध में बोलते हुये आलोक कुमार ने कहा कि सरकार को तत्काल देवस्थानम बोर्ड को भंग करना चाहिए। साथ ही राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करने की तैयारी कर ली है। स्वामी ने कहा है कि कोरोना के चलते कोर्ट की कार्यवाही में दिक्कत आई है संभवतः दिसंबर में इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगी।
विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार और सुब्रमण्यम स्वामी के इस बयान के बाद विपक्षी दल कांग्रेस ने भी देवस्थानम बोर्ड के मसले पर फिर से सरकार को घेरा है। कांग्रेस का कहना है कि वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस बात की हिम्मत नहीं रखते कि वे अपनी ही पार्टी के पिछले मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का फैसला पलट सकें। इधर देवस्थानम बोर्ड पर चौतरफा घिरी सत्ताधारी भाजपा अभी भी डिफेंसिव मोड में है। भाजपा का कहना है कि सीएम धामी ने देवस्थानम बोर्ड के मसले को सुलझाने के लिये हाई पावर कमेटी का गठन पहले ही कर दिया है जिसके निर्णय का सभी को इंतजार करना चाहिए।
आपको बता दें कि पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने चारों धामों के लिये बेहतर प्रबंधन की बात कहते हुये देवस्थानम बोर्ड का गठन किया था। पिछले एक साल से तीर्थ पुरोहित देवस्थानम बोर्ड का विरोध कर रहे हैं। अब जबकि तमाम संत समाज के साथ विश्व हिंदू परिषद ने भी सरकार के फैसले का गलत ठहराया है तो देखना होगा पुष्कर धामी सरकार कैसे इस मसले को सुलझाती है।