देवभूमि में सुरक्षित नहीं बेटियां, एक साल में रेप के सर्वाधिक मामले
उत्तराखंड जैसे शांत और महिलाओं के लिये सुरक्षित माने जाने वाले राज्य में अपराध का आंकड़ा बेहद चौंकाने वाला है। डकैती, लूट, फिरौती, अपहरण और दहेज हत्या के अपराध तो थे ही मगर डरा देने वाला आंकड़ा ये है कि बीते एक साल में उत्तराखंड में गंभीर अपराधों में सर्वाधिक बलात्कार के अपराध दर्ज हुये हैं।
सूचना के अधिकार में पुलिस मु ख्यालय द्वारा दी गई सूचना में खुलासा हुआ है कि बीते एक साल में राज्य में बलात्कार के 872 मामले दर्ज किये गये हैं।
अगर बात जिलेवार करें तो साल 2022 में बलात्कार के सबसे अधिक मामले उधम सिंह नगर में सामने आये हैं। यहां रेप के 247 मामले दर्ज किये गये हैं। दूसरे स्थान पर हरिद्वार जिला है जहां बलात्कार के 229 मामले दर्ज किये गये हैं। तीसरे स्थान पर राज्य की राधधानी देहरादून है यहां बलात्कार के 184 मामले दर्ज किये गये हैं। इसी तरह नैनीताल में रेप के 103 मामले दर्ज हुये हैं। अल्मोड़ा में 16, पिथौरागढ़ में 17, बागेश्वर में 10, चम्पावत में 7, उत्तरकाशी में 13, टिहरी में 15, चमोली में 9 और पौड़ी जिले में 20 बलात्कार के अपराध दर्ज हुये हैं।
ये बेहद चौंकाने वाली बात है कि 2012 के दिल्ली के निर्भया कांड के बाद से उत्तराखंड में बलात्कार के मामले बढ़ते चले गये हैं। बड़ा सवाल यही है कि जिस राज्य की शांत वादियों के चलते उसे पर्यटन राज्य का दर्जा मिला हो और उसी राज्य में अगर महिलाएं सुरक्षित न हों तो ऐसे में सरकारों तमाम वादे इरादे जया हैं।