बम ब्लास्ट के आरोपी पर 302 का मुकदमा होगा या 304, परीक्षा में पूछा सवाल हाईकोर्ट पहुंचा
एक इंसान ने किसी मेडिकल स्टोर में बम रख दिया, और लोगों को भागने के लिये 3 मिनट का वक्त दिया। वहां एक गठिया का मरीज था जो भाग नहीं पाया और बम ब्लास्ट में मारा गया। अब आप बताइये बम रखने वाले पर हत्या का मामला दर्ज होगा या गैर इरादतन हत्या का? यानी 302 या 304।
जी हां ये ऐसा सवाल है जिसका जवाब हर कोई खोज रहा है। यहां तक की उत्तराखंड हाईकोर्ट भी। इस अजीबोगरीब सवाल का जवाब खोजने के लिये इन दिनों हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। फैसला आना है और फैसला क्या होगा सबकी नजरें कोर्ट पर हैं।
चलिये कोर्ट किस जवाब को सही करार देती है उससे पर्दा जल्द हटेगा लेकिन अब आपको पूरा मसला समझाते हैं।
दरअसल मामला उत्तराखंड की न्याचिक सेवा परीक्षा से जुड़ा है। इस परीक्षा में यही सवाल पूछा गया था। सवाल था-ए एक मेडिकल स्टोर में बम रख देता है और विस्फोट से पहले लोगों को बाहर निकलने के लिए 3 मिनट का समय देता है। बी जो गठिया का मरीज है, वो भागने में विफल रहता है और मारा जाता है। ऐसे में ए के खिलाफ आईपीसी की किस धारा के तहत केस दर्ज किया जा सकता है? ऑप्शन थे 302 या 304। लेकिन मामले ने तब तूल पकड़ लिया जब 302 यानी हत्या का मुकदमा वाला जवाब देने वाले परीक्षा में फेल कर दिये गये।
क्योंकि आयोग ने जवाब दिया कि इस मामले में 304 का मुकदमा दर्ज होगा। इसके बाद परीक्षा देने वाले हाईकोर्ट पहुंच गये। जहां अब इस मामले की सुनवाई चल रही है। दोनों ही ओर से दिलचस्प दलीलें दी जा रही हैं। जब तक हाईकोर्ट का फैसला आता है तब तक आप दिमाग लगाइये कि आरोपी पर किस धारा के तहत मुकदमा दर्ज होगा।