भारतीय रेसलर रवि दहिया ने इतिहास रच दिया है…भारतीय रेसलर रवि दहिया ने ओलंपिक में सिल्वर अपने नाम किया…आरओसी के रेसलर जवुर युगेव से भले ही उन्हें हार मिली हो लेकिन रवि दहिया ने इतिहास रच दिया…भारतीय रेसलर रवि दहिया ने अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए ये नया मुकाम हासिल किया है…आपको बता दें कि रवि दहिया के इस प्रदर्शन से पूरे देश में उत्साह का माहौल है…रवि दहिया को अंतरराष्ट्रीय पहलवान बनाने के पीछे उनके पिता का लंबा संघर्ष है…दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में उन्होंने कुश्ती के गुर सीखे…1997 में रवि दहिया का जन्म हरियाणा के सोनीपत जिले के नहरी गांव में हुआ है….2015 जूनियर वर्ल्ड रेसलिंग चैम्पियनशिप में रवि की प्रतिभा नजर आई. उन्होंने 55 किलो कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीता, लेकिन सेमीफाइनल में चोटिल भी हो गए. उसके बाद सीनियर वर्ग में करियर बनाने के दौरान चोट के कारण उन्हें पीछे भी हटना पड़ा. 2017 के सीनियर नेशनल्स में चोट ने उन्हें परेशान किया. रवि ने बुखारेस्ट में 2018 वर्ल्ड अंडर 23 रेसलिंग चैम्पियनशिप में 57 किलो कैटेगरी में सिल्वर पर कब्जा जमाया उन्होंने 2019 के वर्ल्ड चैम्पियनशिप के सिलेक्शन ट्रायल में सीनियर रेसलर उत्कर्ष काले और ओलंपियन संदीप तोमर को हराया 2020 भी रवि के लिए काफी अच्छा रहा. कोरोना से पहले मार्च में दिल्ली में हुई एशियन रेसलिंग चैम्पियनशिप में उन्होंने गोल्ड जीता था…और आज रवि दहिया ने ओलंपिक गोल्ड हासिल कर अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज करा दिया….