आईपीएल में भोजपुरी का तड़का, हिट हो गई रवि किशन की कॉमेंट्री
‘इंडिया के त्योहार’ आईपीएल का दर्शकों में खासा क्रेज रहता है। टूर्नामेंट का 16वां सीजन शुरु हो चुका है। यह सीजन कुछ खास है। सीजन में इस बार भोजपुरी कॉमेंट्री का भी तड़का लगा है। भोजपुरी सुपरस्टार रवि किशन इन दिनों भोजपुरी कॉमेंट्री से खासा चर्चा में बने हुए हैं। एक ओर जहां रवि के इस अंदाज की लोग तारीफ कर रहे हैं, वहीं कुछ लोगों ने इसे फूहड़ बताते हुए तंज भी कसा है। भोजपुरी स्टार ने इसका जवाब दिया है।
20 प्रतिशत बढ़ी आईपीएल की व्यूअरशिप
हिंदी और इंग्लिश के ट्रेडिशनल कॉमेंट्री के अलावा फैंस इस बार भोजपुरी कॉमेंट्री भी इंज्वॉय कर रहे हैं। वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिन्हें भोजपुरी में कॉमेंट्री फूहड़ लगती है। रवि किशन ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि भोजपुरी मेरी पहचान है, भोजपुरी एक लिट्रेचर है, लेकिन एक तबका इसे कुछ गानों और फिल्मों की वजह से हीन दृष्टि से देखता रहा है। मेरी यही कोशिश है कि कैसे उनके नजरिए को बदलूं। उन्होंने कहा कि जब उन्हें इसका ऑफर मिला तो उन्हें लगा कि यह एक अच्छा मौका हो सकता है, जहां वह अपनी मातृभाषा को इंटरनेशनल और नेशनल लेवल पर लाकर सम्मान दिला सकें। उन्होंने कहा कि इसका फायदा भी है। रवि ने कहा कि उन्हें किसी ने बताया कि भोजपुरी कॉमेंट्री के बाद से आईपीएल की 20 फीसदी व्यूअरशिप बढ़ी है।
भोजपुरी से बढ़ी रिलेटिबिलिटी
रवि ने कहा कि जब वे कॉमेंट्री करते हुए जिलों के नाम लेते हैं, तो उन्हें कई लोग मैसेज करते हैं कि उनके जिले का नाम भी लिया जाए। दरअसल, रवि ने मैच के दौरान, ‘गेंद आ गईल गोरखपुर पार,’ ‘गोरखपुर से गेंद निकलकर खुशीर्वाद’, जैसे जिलों को कॉमेंट्री में शामिल किया था। रवि ने कहा कि इसके जरिए उन्होंने देहात से लेकर महादेव और लिट्टी-चोखा तक की बातें की हैं, जिससे रिलेटिबिलिटी बढ़ी है। लोगों को लगता है कि उनके घर के ही किसी मैदान पर मैच हो रहा है।
कुछ लोग होते ही निगेटिव हैं
रवि ने कहा कि वे निगेटिविटी को नहीं देखते। एक्टर ने कहा कि न तो वे ऐसे लोगों को बढ़ावा देते हैं और न ही उन्हें सुनते या पढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग तो होते ही निगेटिव हैं। अब सूरज क्यों उगता है, उससे भी उन्हें पीड़ा है, तो ऐसे दो चार लोगों के बारे में क्या कहा जाए।