Friday, December 6, 2024
उत्तराखंड

JAI BHIM TV SPECIAL – अभिभावकों और स्टूडेंट्स के लिए जय भीम टीवी की ये खबर बड़े काम की है  

कोरोना वायरस से बचने के लिए प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान स्कूल बंद किए गए हैं। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई पर असर ना पड़े इसके लिए सरकार ने ऑनलाइन क्लास लगाने का फैसला लिया था, लेकिन अधिकतर स्कूली छात्रों के पास न तो लैपटॉप है और न डेस्क टॉप लिहाज़ा मज़बूरी में बच्चे मोबाइल से ही ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं…. डॉक्टर्स और अभिभावक ये मानते हैं कि इससे बच्चों की  आंखों पर नेगटिव  असर पड़ने लगा है। स्कूल से मिल रहे होम वर्क हों या ऑनलाइन क्लास ये दोनों वजह मोबाइल के रोजाना बढ़ते इस्तेमाल से बच्चों की आंखों पर बुरा प्रभाव डाल रहा है।

स्कूल की ओर से रोजाना बच्चों को जो ऑनलाइन असाइनमेंट, होमवर्क भेजा जा रहा है। इसमें तीन से चार घंटे बिताने के बाद भी बच्चे मोबाइल की विभिन्न गतिविधियों में व्यस्त दिख रहे हैं। कहीं यू-ट्यूब चैनल का इस्तेमाल कर रहे हैं तो कहीं गेम्स खेल रहे हैं। मोबाइल पर छोटे-छोटे दिखाई देने वाले अक्षरों पर बच्चे ज्यादा फोकस कर रहे हैं जो उनकी आंखों पर प्रभाव डाल रहा है। नेत्र चिकित्सकों की माने तो इन दिनों बच्चों की आंखों पर बुरा प्रभाव डालने का कारण अकेला ऑनलाइन पढ़ाई ही नहीं है, बल्कि बच्चे खाली समय में इंटरनेट का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में बहुत से बच्चों को या तो चश्मा लग रहा है और जिनको पहले से ही चश्मे लगे हैं, उनका नंबर बढ़ रहा है।

लगातार पढ़ाई से यह असर

एक्सपर्ट्स का कहना है कि 15 से 30 मिनट तक ऑनलाइन पढ़ाई करने से ज्यादा नुकसान नहीं है, लेकिन लगातार 2 से 3 घंटे तक छोटी स्क्रीन में पढ़ाई करना घातक हो सकता है। यदि कंप्यूटर, लैपटॉप से 3 मीटर की दूरी से पढ़ाई की जाए तो आंखों को कम नुकसान होता है, लेकिन नजदीक से पढ़ाई करना घातक हो सकता है। अगर बच्चे मोबाइल पर आधे घंटे से ज्यादा पढ़ाई करते हैं तो ये उनकी आंखों के लिए घातक हो सकता है।

ऑडियो से पढ़ाई करवाने की कोशिश करें


बच्चों के मामलों से जुड़े मनोरोग विशेषज्ञ  सलाह देते हैं की अध्यापकों को चाहिए कि ऑनलाइन लिखित पढ़ाई देर तक ना करवाएं बल्कि बीच मे ऑडियो से पढ़ाई करवाने की कोशिश करें। उनका कहना था कि उनके पास परिजनों के फोन भी आ रहे हैं और बच्चे भी अस्पताल पहुंच रहे हैं, जो ऑनलाइन पढ़ाई करके आंखों की बीमारी से ग्रस्त हो रहे हैं। यही नहीं, 5 से 10 साल के बच्चों को भी ऑनलाइन पढ़ाई से चश्मे लग सकते हैं और जिन्हें चश्मे लगे हैं, उन्हें अधिक नंबर का चश्मा लग सकता है। 

हर 20 मिनट बाद करें रिलैक्स


जय भीम टीवी की पड़ताल में ये भी बात सामने आयी है कि बच्चे घरों में रह पढ़ाई के बाद भी इंटरनेट का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं कुछ बच्चों को चश्मे लगे हैं और वह पढ़ते समय इसका इस्तेमाल नहीं कर रहे। किसी भी काम में ज्यादा व्यस्त होने पर बच्चे आंखों को झपकते नहीं और आंखों में ड्राइनेस होने के चलते वह इसे मलना शुरू कर देते हैं और पानी निकलना शुरू हो जाता है। बच्चे पढ़ रहे हैं तो वह आधे घंटे बाद ब्रेक जरूर लें और 20-20-20 का फार्मूला जरूर अपनाएं। इसमें बीस मिनट के बाद बीस फीट दूर तक बीस सेकंड के लिए देखें। इससे आंखे रिलेक्स होगी और कोई दिक्कत नहीं होगी।

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