उत्तराखंड की सबसे बड़ी चुनौतियों की बात करें तो जिस समस्या का सबसे पहले ज़िक्र होता है वो है पहाड़ के स्कूलों में सुविधाओं का टोटा ….. बच्चों को तमाम दुश्वारियों से दो चार होना पड़ता है …. आज भी कई ऐसे गाँव है जहाँ के बच्चों को पढ़ने के लिए कई कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है लेकिन अब उम्मीद की एक किरण नज़र आने लगी है। इसकी वजह है अटल आदर्श योजना
जी हाँ एक सुकून देने वाली खबर आयी है जिसके मुताबिक उत्तराखंड के 174 सरकारी स्कूलों को अटल आदर्श योजना के लिए चुन लिया गया है। अच्छी बात ये भी है कि शिक्षा विभाग ने भी तेज़ी दिखते हुए चुने गए स्कूलों की लिस्ट सरकार की मेज़ तक पहुंचा दी है। नए बदलाव और क्वालिटी एडुकेशन के साथ प्राइवेट स्कूलों को टक्कर देने के लिए अगर इस योजना ने रंग दिखाया तो उम्मीद की जा रही है कि स्कूलों की तस्वीर और स्टूडेंट्स की तकदीर बदल जाएगी योजना के मुताबिक पहली से बारहवीं कक्षा तक बनने वाले इन स्कूलों के लिए शिक्षा विभाग ने प्रभावशाली इंग्लिश टीचरों की एक ख़ास लिस्ट भी तैयार की है और इनके अनुभव और प्रतिभा का लाभ लेने की कोशिशें की जा रही हैं।
उत्तराखंड में खबर ये है कि हर ब्लॉक में दो अटल आदर्श स्कूल बनाए जाने हैं। एपीडी-समग्र शिक्षा अभियान को हर ब्लॉक के दो स्कूल के हिसाब से 190 स्कूलों को सेलेक्ट करने की ज़िम्मेदारी दी गयी थी
एजुकेशन फील्ड के जानकार मानते हैं कि प्राइवेट स्कूलों के मुकाबले सरकारी स्कूलों में घटनी छात्र संख्या और इंग्लिश मीडियम पढ़ाई के प्रति अभिभावकों और स्टूडेंट्स के बढ़ते क्रेज़ से सरकार को ये अहम फैसला लेना पड़ा है।
अलग कैडर रहेगा
अटल आदर्श स्कूलों के शिक्षक और कर्मचारियों का कैडर अलग होगा। सालाना तबादलों में इन शिक्षकों को केवल अटल आदर्श स्कूलों में ही भेजा जाएगा। केवल उन्हीं शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी, जो खुद भी अंग्रेजी में पारंगत हों।
इन स्कूलों की फीस व अन्य सुविधाओं का शुल्क काफी कम होगा। सरकारी मिड डे मील, यूनिफार्म, मुफ्त किताब योजना, विभिन्न स्कॉलरशिप योजनाएं यहां भी लागू रहेंगी। यानी अब अटल आदर्श योजना से राज्य के बदहाल होते स्कूलों में जल्द नयी जान फूंकी जाएगी