‘आर्किटेक्चर का नोबेल’ पुरस्कार जीतने वाले बी.वी.दोषी को मिला रॉयल गोल्ड मैडल 2022, पीएम मोदी ने दी बधाई
अहमदाबाद स्थित बालकृष्ण दोषी को रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ ब्रिटिश आर्किटेक्ट्स (RIBA)द्वारा रॉयल गोल्ड मेडल 2022 दिया जाएगा… यह पुरस्कार वास्तुकला के लिए दिया गया सर्वोच्च सम्मान है, 94 की वर्ष में दोषी ने पूरी दुनिया में अपनी पहचान बनायीं है। दोषी ने पिछले 7 दशकों से भी ज़्यादा समय अपना योगदान दिया है.. अपने इस लम्बे करियर में दोषी ने 100 से भी ज़्यादा परियोजनाओं पर काम किया है।
लो-कॉस्ट कामों के लिए जाने जाने वाले दोषी स्वतंत्रता के बाद सबसे प्रभावी आर्किटेक्ट के रुप में प्रसिद्ध हुए हैं। इसके साथ ही वे इस तरह के प्रतिष्ठित अवॉर्ड पाने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। उनके काम को दुनिया भर में सहारा गया है.. उन्होंने लोगों के प्यार और सम्मान के साथ-साथ अपने नाम कई पुरस्कार दर्ज कराये हैं..
इस अवसर पर पीएम मोदी ने भी ट्वीट कर आर्किटेक्ट दोषी को बधाई दी है –
Spoke to the distinguished architect Shri Balkrishna Doshi Ji and congratulated him on being awarded the Royal Gold Medal 2022. His contributions to the world of architecture are monumental. His works are globally admired for their creativity, uniqueness and diverse nature. https://t.co/Fk25Gp7zg0
— Narendra Modi (@narendramodi) December 10, 2021
ऐसा रहा सफर….
मुंबई के प्रतिष्ठित जेजे स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर से पढ़ाई करने वाले दोशी ने वरिष्ठ आर्किटेक्ट ले कॉर्ब्यूसर के साथ पेरिस में साल 1950 में काम किया था। उसके बाद वह भारत के प्रोजेक्ट्स का संचालन करने के लिए वापस देश लौट आए। उन्होंने साल 1955 में अपने स्टूडियो वास्तु-शिल्प की स्थापना की और लुईस काह्न और अनंत राजे के साथ मिलकर अहमदाबाद के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के कैंपस को डिजायन किया …इसके बाद उन्होंने आईआईएम बंगलूरू और लखलनऊ, द नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, टैगोर मेमोरियल हॉल, अहमदाबाद का द इंस्टिट्यूट ऑफ इंडोलॉजी के अलावा भारत भर में कई कैंपस सहित इमारतों को डिजायन किया है। जिसमें कुछ कम लागत वाली परियोजनाए भी शामिल हैं। पुरस्कार लेने के लिए दोशी मई में टोरोंटो जाएंगे और वहां वह एक लेक्चर भी देंगे।
मिल चुके हैं ये पुरस्कार –
रॉयल गोल्ड मैडल 2022 – वास्तुकला के लिए दिया गया सर्वोच्च सम्मान ..
पद्म भूषण – 2020
प्रित्जकर पुरस्कार – 2018, नोबल पुरस्कार के बराबर माने जाने प्रतिष्ठित पुरस्कार, जिसकी तुलना ऑस्कर से की जाती है।
ग्लोबल अवार्ड फॉर सस्टेनेबल आर्किटेक्चर – 2007
आगा खान अवॉर्ड -1995, इंदौर में बना लो-कोस्ट हाउसिंग (1989), जिसमें 80,000 लोग रहते हैं, उन्हीं का बनाया हुआ है।